देश का 'नक्शा' बदलने की तैयारी में मोदी सरकार, नीति आयोग ने तैयार किया ब्लूप्रिंट

Edited By ,Updated: 25 Jul, 2016 03:49 PM

narendra modi

अतुल्य भारत! और भारत दर्शन! जैसे नारों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लक्ष्यों में देश के पर्यटन को बढ़ावा देना प्रमुखता से शुमार है।

नई दिल्ली: अतुल्य भारत! और भारत दर्शन! जैसे नारों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लक्ष्यों में देश के पर्यटन को बढ़ावा देना प्रमुखता से शुमार है। अब देश के पर्यटन का नक्शा बदलने वाला है। सरकार इस नक्शे में अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप समूह के अलावा गुजरात के आसपास के कई द्वीप को भी पहली बार बतौर पर्यटन क्षेत्र शुमार करने वाली है। बताया जाता है कि भारतीय पर्यटन मानचित्र को विस्तार देते हुए 21 द्वीपों को पहली बार जनता के लिए खोलने पर सहमति बन रही है। हालांकि, इन्हें किन शर्तों पर खोला जाएगा, इस पर संस्कृति, पर्यटन, वन पर्यावरण, सड़क परिवहन व जहाजरानी और रक्षा मंत्रालय बीच अंतिम बातचीत होनी बाकी है।

फिलहाल, नीति आयोग गृह मंत्रालय के साथ इस परियोजना पर विचार कर अपनी रिपोर्ट सरकार को देने जा रही है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट का ब्लूप्रिंट तैयार हो गया है। संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा ने इस परियोजना को देश के पर्यटन नक्शे के लिए अभूतपूर्व पहल बताया। उनका कहना है कि फिलहाल यह परियोजना अपने शुरुआती चरण में है। अभी सभी संबंधित मंत्रालयों के बीच तालमेल और बातचीत से नियम और शर्तें तैयार होनी हैं।

सुरक्षा पर रहेगा फोकस
नीति आयोग के सूत्रों के मुताबिक, अरविंद पानागढ़िया और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में विशेषज्ञों की कमेटी ने इस पूरी योजना का खाका तैयार किया है। परियोजना तैयार करने के दौरान इलाके की सुरक्षा के साथ ही वहां के पर्यावरण और संस्कृति की सुरक्षा और संरक्षण पर भी फोकस रखा गया है।

गुजरात के द्वीप भी होंगे शामिल
इस परियोजना में गुजरात में बेट द्वारका के आसपास अरब सागर में कई द्वीप हैं, इनमें से खंबात की खाड़ी में 200 वर्ग किलोमीटर में फैला टापू अलिया बेट, पीरम, मामिला, मुर्ग और बेट शंखोदर नामक पांच छोटे-छोटे द्वीप हैं, इन पर थोड़ी आबादी भी है। बंगाल की खाड़ी में लक्षद्वीप समूह में से कई पर पहली बार, वन, सैन्य और सरकारी अधिकारियों के अलावा आम जनता के कदम पड़ेंगे। इनमें से कदमत, चेटलेट, कालपेनी, किलटन और मिनिकॉय टापू शामिल हैं जबकि सागर द्वीप, पटिबुनिया और जंबूद्वीप पश्चिम बंगाल सागर तट से नजदीक हैं।

द्वीपों पर मिली डायनासोर की अस्थि‍यां
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में से स्मिथ, रोस, लॉंग आइलैंड, हेवेलॉक और नैल द्वीप शामिल हैं। मामिला द्वीप कच्छ की खाड़ी के निकट है तो 186 एकड़ में फैला पीरम द्वीप कांबे की खाड़ी में है। पीरम द्वीप पर जिराफ और डायनासोर के अस्थि अवशेष यानी फॉसिल्स मिलने की वजह से इसका पुरातात्विक महत्व भी है। ये द्वीप देश के दक्षिण, पूर्वी और पश्चिमी समुद्री सीमा पर हैं, लिहाजा यहां की सुरक्षा चाकचौबंद होनी भी जरूरी है।

द्वीपों की सैटेलाइट मैपिंग होगी
द्वीपों की संस्कृति, वन पर्यावरण के संरक्षण के अलावा जंगली जीवों की सुरक्षा की संवेदनशीलता को देखते हुए इन इलाकों की सैटेलाइट मैपिंग की जाएगी। फिशिंग बोट्स की आवाजाही, पर्यटकों की सही पहचान और सुरक्षा संरक्षा पर सहमति और नियम शर्तें तय होते ही इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। यानी दुनिया के नक्शे पर भारत का पर्यटन मानचित्र और रोचक, विशाल और दिलचस्प होने जा रहा है।

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