Edited By ,Updated: 25 Oct, 2016 06:27 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातियों के विकास को गति देने के लिए जनजाति बहुल इलाकों में 100 से ज्यादा विकास केंद्र खोलने की घोषणा करते हुए आज नीति निर्माताओं से वातानुकूलित कमरों में बैठकर....
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातियों के विकास को गति देने के लिए जनजाति बहुल इलाकों में 100 से ज्यादा विकास केंद्र खोलने की घोषणा करते हुए आज नीति निर्माताओं से वातानुकूलित कमरों में बैठकर आदिवासियों के लिए योजनाएं बनाने की बजाय उनकी वास्तविक स्थिति का पता लगाकर नीतियां तैयार करने को कहा।
मोदी ने यहां राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव का शुभारंभ करने के बाद देश भर से आए आदिवासी समुदायों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार जनजाति बहुल इलाकों में 50 से 100 गांवों के बीच 100 से ज्यादा विकास केंद्र खोलकर शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों का जाल बिछाने की दिशा में काम कर रही है। इन विकास केंद्रों में शिक्षा और अस्पताल जैसी सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी ताकि सरकारी कर्मियों समेत शहरों में रहने वाले लोग वहां जाकर काम करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातियों के कल्याण की योजनाओं का फायदा जमीनी स्तर पर न पहुंचने का मुख्य कारण यह है कि ये योजनाएं वातानुकूलित कमरों में बैठकर बनाई जाती हैं। उन्होंने नीति निर्माताओं से जनजातियों के बीच जाकर उनकी जरूरतों और प्राथमिकताओं का समझकर उसके अनुरूप योजनाएं बनाने तथा उन्हें समयबद्ध तरीके से पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि इसके बाद ही जनजातियों के जीवन में बदलाव संभव होगा।