नैशनल कबड्डी चैम्पियनशिप: चेहते सिलैक्ट, बड़े नाम रिजैक्ट

Edited By ,Updated: 08 Nov, 2016 02:19 PM

national kabaddi championship  player selected

आई.पी.एल. की तर्ज पर शुरू हुई प्रो-कबड्डी से अब कबड्डी खेल का महत्व बढ़ गया है। जहां प्रशासन व खेल विभाग की ओर से ग्रैडेशन शुरू कर दी गई है, वहीं अब टीम में चुने व एसोसिएशन का पदाधिकारी बनने के लिए खिलाडिय़ों व अधिकारियों के बीच होड़ लगी हुई है।

चंडीगढ़, (लल्लन): आई.पी.एल. की तर्ज पर शुरू हुई प्रो-कबड्डी से अब कबड्डी खेल का महत्व बढ़ गया है। जहां प्रशासन व खेल विभाग की ओर से ग्रैडेशन शुरू कर दी गई है, वहीं अब टीम में चुने व एसोसिएशन का पदाधिकारी बनने के लिए खिलाडिय़ों व अधिकारियों के बीच होड़ लगी हुई है। ऐसा ही कुछ नजारा सोमवार को पी.यू. में देखने को मिला। जहां चंडीगढ़ कबड्डी एसोसिएशन के खिलाफ खिलाडिय़ों ने आरोप लगाया कि पदाधिाकरियों ने सीनियर नैशनल कबड्डी चैम्पियनशिप के लिए चुनी गई टीम में अपने चहेतों को जगह दी गई है। यही नहीं खिलाडिय़ों ने आरोप लगाया कि एसोसिएशन का संयुक्त सचिव रमेश कुमार खुद टीम का कप्तान रहे हैं।

ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या एसोसिएशन के पदाधिकारी भी टीम का हिस्सा बन सकते हैं। प्रो-कबड्डी में पटना टीम का सदस्य रहे गुरविंद्र सिंह ने कहा कि वह एस.जी.जी.एस.कालेज-26 के कप्तान भी हैं और उन्होंने पूरा कैंप भी लगाया है, लेकिन उनको टीम में जगह नहीं दी गई है। इससे पता चलता है कि कुछ समय पहले कबड्डी खेल का अपना कोई अस्तित्व नहीं था, लेकिन आज टीम में चयन होने व एसोसिएशन का पदाधिकारी बनने की होड़ लगी हुई है। यह प्रतियोगिता जोधपुर (राजस्थान) में 5 से 8 नवम्बर तक खेली जाएगी। 

एसोसिएशन का संयुक्त सचिव ही बना टीम का कप्तान :
सीनियर नैशनल कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आर्मी से छुट्टी लेकर शहर पहुंचने वाले फैजल अली का कहना है कि एसोसिएशन के संयुक्त सचिव रमेश कुमार खुद ही टीम के कप्तान बने हैं। जोकि अभी पूरी तरह फिट नहीं हैं, क्योकि उन्होंने 6 माह पूर्व ही अपने घुटने का आप्रेशन करवाया है। अली ने कहा कि जब टीम के संभावित खिलाडिय़ों का चयन कर कैंप लगाया गया तो रमेश कैंप में भी भाग नहीं लेते थे, लेकिन जब टीम के 12 सदस्यों की घोषणा की गई तो उसमें उनको शामिल किया गया। अली ने कहा कि जब उन्हें टीम में जगह नहीं देनी थी तो मुझे क्यों बुलाया गया। यही नहीं उन्होंने कहा कि रमेश कुमार ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है। जो खिलाड़ी फिजीकली फिट नहीं है। उसको टीम में जगह क्यों? 

शहर के खिलाडिय़ों को छोड़ दूसरे खिलाडिय़ों पर भरोसा :
शहर में बेहतरीन खिलाडिय़ों को तैयार करने के लिए प्रशासन व खेल विभाग करोड़ों रुपए खर्च करता है, लेकिन शहर में चल रही सभी खेलों की एसोसिएशन शहर में बेहतरीन खिलाड़ी ढूंढने की बजाय दूसरे राज्यों के खिलाडिय़ों पर निर्भर रहती हैं। एसोसिएशन ने इस बार भी 5 हरियाणा के खिलाडिय़ों का चयन किया है। जिनके पास ना तो आधार कार्ड, एन.ओ.सी. तथा ना ही खेल विभाग से रजिस्टे्रशन करवाया है।

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