Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jan, 2018 06:56 PM
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने नौसेना की तैयारियों तथा समुद्री ताकत का जायजा लेने के बाद मंगलवार को विश्वास व्यक्त किया कि वह देश की किसी भी तरह के खतरे से रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। सीतारमण ने पश्चिमी तट के निकट आठ और नौ जनवरी को दो दिन तक...
नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने नौसेना की तैयारियों तथा समुद्री ताकत का जायजा लेने के बाद मंगलवार को विश्वास व्यक्त किया कि वह देश की किसी भी तरह के खतरे से रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है।
सीतारमण ने पश्चिमी तट के निकट आठ और नौ जनवरी को दो दिन तक नौसेना की युद्ध संबंधी तैयारियों तथा मारक क्षमता को देखने के बाद कहा कि नौसेना के पश्चिमी बेड़े की तैयारियों और ताकत का खुद अनुभव करने के बाद मुझे विश्वास है कि भारतीय नौसना किसी भी तरह के खतरे से देश की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है।
नौसेना के पश्चिमी बेड़े ने पश्चिमी तट के निकट ‘कृत्रिम खतरे’ का माहौल पैदा कर दो दिन रक्षा मंत्री के समक्ष अपनी तैयारियों का प्रदर्शन किया। इस अभ्यास में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य सहित नौसेना के दस से अधिक युद्धपोतों, तीन पनडुब्बियों तथा कई विमानों ने अपनी ताकत तथा कौशल की झलक पेश की।
रक्षा मंत्री ने देश में ही बने कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक पोत पर सवार होकर इस सारे अभियान को देखा। विमानवाहक पोत की ताकत का अहसास करने तथा वहां की वास्तविक परिस्थितियों का अनुभव करने के लिए उन्होंने रात आई एनएस विक्रमादित्य पर गुजारी। आठ जनवरी की रात उनका युद्धपोत एस्कोर्ट के साथ ‘कृत्रिम खतरे’ वाले क्षेत्र से गुजरा।
इस दौरान नौसेना के जांबाजों ने युद्धपोतों से हवा में मार करने वाले मिसाइल, रॉकेट फायरिंग, नाइट फ्लाइंग, पनडुब्बी के आपरेशन और एक पोत से दूसरे पोत में सैनिकों तथा समान की अदला-बदली जैसे क्षेत्रों में अपना कौशल दिखाया।
तीनों सेनाओं में संचालन संबंधी अभियानों से जुड़े सैनिकों से रू-ब-रू होकर खुद उनकी बात समझने में लगी रक्षा मंत्री ने युद्धपोतों पर नौसैनिकों के साथ विभिन्न विषयों पर खुलकर बातचीत की। बाद में वह नौसेना के हेलिकॉप्टर से गोवा के हंसा हवाईअड्डे पर लौट आईं। सीतारमण इससे पहले सेना के अग्रिम मोर्चों के साथ वायुसेना की संचालन इकाइयों का भी दौरा कर चुकी हैं।