Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jul, 2017 02:14 PM
वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) भले ही आज देशभर में सुर्खियों में है लेकिन मध्य प्रदेश के हरदा की रहने वाली नेहा व्यास उपाध्याय 4 साल पहले ही इस पर पीएच.डी. कर चुकी है।
हरदा: वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) भले ही आज देशभर में सुर्खियों में है लेकिन मध्य प्रदेश के हरदा की रहने वाली नेहा व्यास उपाध्याय 4 साल पहले ही इस पर पीएच.डी. कर चुकी है। मध्य प्रदेश में वाणिज्यिक कर विभाग में डायरैक्टर रह चुके अपने पिता नर्मदा प्रसाद उपाध्याय को अपना आदर्श मानने वाली नेहा ने वर्ष 2013 में प्रदेश के खंडवा के प्रोफैसर प्रताप राव कदम की गाइडैंस में यह शोध कार्य किया।
इसमें उन्होंने कम्पनी, जनता और रोजगार से जुड़े नफा-नुक्सान बारे जानकारी जुटाई थी। प्रोफैसर कदम बताते हैं कि जी.एस.टी. पर यह प्रदेश की संभवत: पहली पीएच.डी. है, क्योंकि 2009-10 में जी.एस.टी. पर केन्द्र सरकार को विचार आया जबकि पीएच.डी. 2013 में पूर्ण हो चुकी थी।