Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 02:21 PM
कश्मीरी युवाओं को आतंकी बनने से रोकने की कोशिशों के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार मार्च में नई सरेंडर और रिहैबिलिटेशन स्कीम लाने जा रही है। जम्मू-कश्मीर में 14 सालों में ऐसा पहली बार होगा, जब राज्य में इस तरह की स्कीम लाई जाएगी।
श्रीनगर : कश्मीरी युवाओं को आतंकी बनने से रोकने की कोशिशों के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार मार्च में नई सरेंडर और रिहैबिलिटेशन स्कीम लाने जा रही है। जम्मू-कश्मीर में 14 सालों में ऐसा पहली बार होगा, जब राज्य में इस तरह की स्कीम लाई जाएगी। केंद्र सरकार ने भटके युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार को नई सरेंडर स्कीम बनाने के निर्देश दिए थे। पुन: एकीकरण स्कीम के तहत जम्मू सरकार ऐसे परिवार और दोस्तों को भी सम्मानित करेगी, जो आतंक के रास्ते पर भटके युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे में मदद करेंगे।
जम्मू पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी इस स्कीम के ड्राफ्ट पर काम कर रहे हैं। ‘पुन: एकीकरण स्कीम’ गृह मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सी.आर.पी.एफ . का ज्वाइंट ऑपरेशन होगा। ड्राफ्ट के मुताबिक, इस स्कीम के तहत उन लोगों को सरकार की तरफ से सम्मानित किया जाएगाए जो भटके युवाओं के घर लौटने में मदद करेंगे। इसके साथ ही सरकार आतंक का रास्ता छोडऩे वाले युवा और उसके परिवार की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी। सरकार की यह जिम्मेदारी होगी कि आतंक का रास्ता छोड़ कर आए युवा को जॉब की भी दिक्कत न हो।
स्कीम का नाम होगा रीइंटिग्रेशन स्कीम
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हम इसे सरेंडर स्कीम नहीं कहेंगे, क्योंकि इससे नकारात्मक अर्थ निकलेगा, हम इसकी जगह कुछ दूसरे नामों पर विचार कर रहे हैं। इसे रीइंटिग्रेशन स्कीम कहा जा सकता है। पुलिस अधिकारी ने बताया, इस स्कीम के तहत उन लोगों को सम्मानित किया जाएगा, जो ऐसे युवाओं को मुख्य धारा से जोडऩे में मदद करेंगे। उनके मुताबिक, घाटी में शांति कायम करने में मदद मिलेगी। हाल ही में गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर से बातचीत में कहा कि घाटी में शांति कायम करने के लिए भटके युवाओं के पुनर्वास की जरूरत है और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार प्रयासरत है, केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकार ऐसा स्कीम बनाए, जिससे घाटी के युवा आतंक का दामन छोड़ वापस लौट आएं।