अब से जंतर-मंतर पर नहीं होंगे धरना-प्रदर्शन, NGT ने लगाई रोक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Oct, 2017 09:33 PM

ngt all demonstration on jantar mantar should be stopped immediately

एनजीटी ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन न करने करने का फरमान जारी किया है। एनजीटी ने अब इसके लिए रामलीला मैदान को सुझाया है

नई दिल्लीः दिल्ली चलों! राजनीतिक पार्टियों के लिए इसका मतलब होता है दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करना लेकिन अब आगे से इस नारे का जंतर-मंतर की राम लीला मैदान होगा, क्योंकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों द्वारा इस क्षेत्र का लगातार इस्तेमाल वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 समेत पयार्वरणीय कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है। इसके अलावा आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी खासी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। एेसे में एनजीटी ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन न करने करने का फरमान जारी किया है। एनजीटी ने अब इसके लिए रामलीला मैदान को सुझाया है।
PunjabKesariसम्मान के साथ जीने के अधिकार का उल्लंघन
दरअसल, एनजीटी वरुण सेठ और अन्यों द्वारा दाखिल एक याचिका की सुनवाई कर रही थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि जंतर मंतर पर सामाजिक समूहों, राजनीतिक पार्टियों, एनजीओ द्वारा किए जाने वाले आंदोलन तथा जुलूस क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत हैं। याचिका में कहा गया था कि नियमित रूप से प्रदर्शन, शांतिपूर्ण ढंग से और स्वस्थ वातावरण में जीने के अधिकार, शांति के अधिकार, नींद लेने के अधिकार और सम्मान के साथ जीने के अधिकार का उल्लंघन है।  
PunjabKesariसुनवाई के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने लगाई रोक     
इस पर न्यायमूर्ति आर एस राठौर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने एनडीएमसी को कनॉट प्लेस के निकट स्थित जंतर मंतर रोड से सभी अस्थायी ढांचों, लाउडस्पीकरों और जन उद्घघोषणा प्रणालियों को हटाने के भी निर्देश दिए हैं। पीठ ने कहा, प्रतिवादी दिल्ली सरकार, एनडीएमसी और दिल्ली के पुलिस आयुक्त जंतर-मंतर पर धरना, प्रदर्शन, आंदोलनों, लोगों के इकट्ठा होने, लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल आदि को तुरन्त रोकें। साथ ही ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रदर्शनकारियों, आंदोलनकारियों और धरने पर बैठे लोगों को वैकल्पिक स्थल के रूप में अजमेरी गेट में स्थित रामलीला मैदान में तुरन्त स्थानांतरित करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
PunjabKesariपहले बोट क्लब थी धरना-प्रदर्शन की अधिकृत जगह  
आपकी जानकारी के बता दें, जंतर-मंतर को धरना-प्रदर्शन के लिए अधिकृत किए जाने से पहले राष्ट्रपति भवन और संसद से कुछ ही दूरी पर दिल्ली का बोट क्लब मैदान धरना-प्रदर्शनों की स्थायी जगह थी लेकिन कुछ बड़ी रैलियों में हुई हिंसा और सुरक्षा कारणों से प्रदर्शनों के अधिकृत रूप से जंतर मंतर के पास सड़क किनारे के फुटपाथ प्रदर्शनों और धरनों के लिए अधिकृत कर दिए गए।
PunjabKesari1993 के किसान अंदोलन के बाद जंतर मंतर हुई शिफ्ट 
बोट क्लब को धरना प्रदर्शन के लिए बैन किए जाने का तात्कालीन कारण 1993 में भारतीय किसान संघ का आंदोलन था। यह दिल्ली में अपने समय का सबसे बड़ा आंदोलन था। आंदोलन के नेता टिकैत के नेतृत्व में हजारों किसान इस जगह पर एकत्रित हुए। किसानों ने वहां कई दिनों तक डेरा डाल लिया था। किसान वहां अपने सैंकड़ों पशुओं को भी ले आए थे। अव्यवस्था फैलने के बाद आखिरकार सरकार को 1993 में ही धरना-प्रदर्शन के लिए बोट क्लब की जगह जंतर मंतर रोड को अधिकृत करना पड़ा। 


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!