NIA ने तोड़ दी अलगाववादियों की कमर, कंगाली की कगार पर पहुंचे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jul, 2017 02:23 PM

nia raid on sepretors

कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों के लिए अलगाववादी नेताओं द्वारा कथित तौर पर पैसे लेने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजैंसी ने शिकंजा कस दिया है। अलगाववादियों को आर्थिक रूप से पंगु बनाने के लिए एन.आई.ए. ने पूरी तरह से कमर कस ली है।

श्रीनगर : कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों के लिए अलगाववादी नेताओं द्वारा कथित तौर पर आतंकवादियों से पैसे लेने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजैंसी ने शिकंजा कस दिया है। अलगाववादियों को आर्थिक रूप से पंगु बनाने के लिए एन.आई.ए. ने पूरी तरह से तैयारी कर ली है। अपने इसी काम को अंजाम देने के लिए एन.आई.ए. ने अपने छापामारी अभियान को रविवार को भी जारी रखा। जानकारी के अनुसार एन.आई.ए. की छापेमारी से अलगाववादी कंगाल हो गए हैं। 

 

29 ठिकानों पर एक ही दिन में छापेमारी :
एन.आई.ए. ने एक दिन में ही अलगाववादियों के 29 ठिकानों पर छापे मारे। इन छापों में करीब 2 करोड़ रुपए ज्वैलरी के अलावा आतंकी संगठनों के लैटरहैड, पैन ड्राइव्स, लैपटॉप और बहीखाते भी बरामद किए गए हैं।  

 

पहली बार हुई इतनी व्यापक छापेमारी :
घाटी में नब्बे के दशक में आतंकवाद बढ़ने के बाद यह पहला मौका है जब केंद्रीय एजैंसी ने इतने बड़े पैमाने पर टैरर फंडिंग को लेकर ऐसी छापेमारी की है। 

 

2002 में भी ली तलाशी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई :
इससे पहले 2002 में आयकर विभाग ने गिलानी समेत अन्य अलगाववादी नेताओं के यहां तलाशी ली थी जिसमें नकदी और दस्तावेज जब्त किए गए थे, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 

इन लोगों के ठिकानों पर हुई छापेमारी :
घाटी में एन.आई.ए. ने जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की है उनमें कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ, कारोबारी जहूर वटाली, मीरवाइज उमर फारूक की अगुवाई वाले अवामी एक्शन कमेटी के नेता शाहिद उल इस्लाम तथा हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और जे.के.एल.एफ. के दूसरे श्रेणी के कुछ नेता शामिल हैं।

 

हाफिज सईद से भी लेते हैं पैसा :
आरोप है कि अलगाववादी नेता घाटी में पथराव, सुरक्षा बलों पर हमले, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुक्सान पहुंचाने तथा स्कूल और अन्य सरकारी इमारतों को जलाने के लिए पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तोएबा के मुखिया हाफिज सईद से पैसे लेते हैं।

 

गिलानी से मिले कैलेंडर में ये हैं निर्देश :

4 अगस्त 2016 : सेना और सुरक्षा बलों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन और लोगों को भड़काने की साजिश।

8 अगस्त : श्रीनगर की तरफ जाने वाली सभी सड़कों को ब्लॉक करना और लोगों को ड्यूटी ज्वाइन करने से रोकना। 

9 अगस्त : औरतों से अपील कि वे प्रदर्शन में शामिल हों और आजादी के गाने मस्जिदों में बजाए जाएं।

10 अगस्त : जम्मू-कश्मीर में तैनात सभी सुरक्षा बलों को लैटर दिया जाए और उन्हें कहा जाए कि वे यहां से वापस जाएं।

11 अगस्त : सभी भारत समर्थित राजनेताओं और सरपंचों से यह कहा जाए कि वे अपने पदों से त्यागपत्र दें।

15 अगस्त : जम्मू-कश्मीर में ब्लैक-डे मनाया जाए। हर मस्जिद में पूरे दिन आजादी के गाने बजाए जाएं।

 

1500 करोड़ रूपए मिले 8 साल में :

पाक ने 8 साल में करीब 1500 करोड़ की रकम भारत में इन अलगाववादियों को भेजी।  यह रकम कश्मीर में हिंसा और आतंकवाद फैलाने के लिए रिसोर्स जुटाने के मकसद से दी गई थी जिसमें से आधी हुर्रियत नेताओं ने अपने पर ही खर्च कर डाली। 

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