Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 10:49 PM
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने महागठबंधन के सहयोगी रहे जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश ...
पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने महागठबंधन के सहयोगी रहे जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भागलपुर की स्वयंसेवी संस्था सृजन में सरकारी राशि घोटाले की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में जेल जाने से बचने के लिए ही नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिला लिया।
लालू यादव ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे और साथ में वित्त विभाग का भी प्रभार था तब चारा घोटाला मामले में इसी आधार पर उनपर मुकदमा चलाया गया कि उन्हें इसकी जानकारी थी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी सृजन घोटाला मामले में 25 जुलाई 201& को चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं सामाजिक कार्यकर्ता संजीत कुमार ने पत्र लिखकर जानकारी दी थी।
वर्ष 2006 से 2013 तक सरकारी खाते से अवैध निकासी कर सृजन के खाते में रकम जमा कराए जाने का सिलसिला चलता रहा और इस अवधि में सुशील कुमार मोदी वित्त मंत्री थे। इस प्रकार नीतीश कुमार और मोदी दोनों को इस घोटाले की जानकारी थी और इनके खिलाफ मुकदमा चलाए जाने का आधार बनता है।
राजद अध्यक्ष ने कहा कि 09 सितंबर 2013 को रिजर्व बैंक ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर सृजन समिति में हो रही वित्तीय अनियमितता की जांच कराने को कहा था। साथ ही उसने को-ऑपरेटिव के रजिस्ट्रार को भी इन गड़बडिय़ों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। लेकिन, मुख्यमंत्री ने कार्रवाई करना तो दूर रिजर्व बैंक के संदेह को भी दरकिनार करते हुए लगातार घोटालेबाजों का सहयोग किया।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं वर्ष 2010-11 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी खजाने में 11 हजार से 12 हजार करोड़ रुपए की अनियमितता होने का जिक्र किया था। इसके बावजूद मुख्यमंत्री रहते हुए नीतीश कुमार ने चुप्पी साधे रखी।