Edited By ,Updated: 07 Apr, 2017 02:40 PM
बिहार में प्रशांत किशोर के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एडवाइजर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार किया।
नई दिल्ली: बिहार में प्रशांत किशोर के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एडवाइजर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीएम किसी को भी एडवाइजर नियुक्त कर सकते हैं। किसी को भी वेतन का भुगतान कर सकते हैं। दरअसल इस संबंध में एक याचिका दायर की गई थी। उसमें कहा गया था कि प्रशांत किशोर को एडवाइजर के साथ-साथ राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। इस तरह की नियुक्ति कर करदाताओं के पैसे को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
ये अप्रत्यक्ष रूप से उस नियम के खिलाफ है जिसमें साफ है कि मंत्रिपरिषद 15 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री के पास पूरा तंत्र होता है, ऐसे में वो प्रशांत किशोर को इस तरह नहीं रख सकते। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो मुख्यमंत्री की पसंद रहे होंगे और उन्होंने साथ काम किया होगा, हम इस तरह के मामले में दखल नहीं देंगे। कोर्ट के इनकार के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।