'नोटबंदी पर नीतीश-शरद में कोई मतभेद नहीं'

Edited By ,Updated: 09 Dec, 2016 02:37 PM

no differences in the nitish sharad on noteban

राज्यसभा सांसद और जनता दल (यूनाईटेड) की बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने नोटबंदी के मसले पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद शरद यादव के बीच किसी प्रकार के मतभेद से इंकार किया।

नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद और जनता दल (यूनाईटेड) की बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने नोटबंदी के मसले पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद शरद यादव के बीच किसी प्रकार के मतभेद से इंकार किया। सिंह ने यहां यूनीवार्ता से खास बातचीत में साफ किया कि कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया है क्योंकि इससे काले धन पर रोक लगेगी और आम लोगों को उसका ज्यादा लाभ होगा। जबकि यादव ने नोटबंदी के कार्यान्वयन उपायों पर विरोध जताया है। पार्टी की राय है कि केवल नोटबंदी से काले धन पर रोक लगाना संभव नहीं है इसके लिए बेनामी संपत्ति पर भी कठोर पाबंदी लगानी होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बेनामी संपत्ति का मतलब केवल जमीन से नहीं है बल्कि सोना और हीरा जैसी संपत्तियों पर भी कारगर रोक लगानी होगी।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के साथ-साथ शराबबंदी पर भी पूरे देश में बड़े पैमाने पर रोक लगाने की जरूरत है ताकि काले धन पर रोक की मुहिम को कारगर तरीके से लागू किया जा सके। जद(यू) सांसद ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी संबंधी अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि ये सब महज मीडिया तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के समर्थन का मतलब यह कदापि नहीं है कि हम फिर से सांप्रदायिक ताकतों से कोई समझौता करने वाले हैं। कुमार के करीबी आगामी 2019 के संसदीय चुनाव में उन्हें विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का दावेदार मान रहे हैं। एक वजह यह भी है कि जद (यू) फिलहाल भाजपा से दूरी बनाये रख रहा है।

नोटबंदी से पहले तक कुमार की करीबी रही पश्चिम बंगाल की उनकी समकक्ष ममता बनर्जी के अभियान के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि बनर्जी का दृष्टिकोण अपरिपक्व है। पश्चिम बंगाल के कई मंत्री चिट फंड कंपनी घोटाले में फंसे हुए हैं ऐसे में बनर्जी का विरोध महज दिखावा है। बंगाल घोटालेबाजों की धरती है। पिछले सप्ताह पटना में नोटबंदी के खिलाफ बनर्जी की आयोजित रैली में राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार के प्रमुख सहयोगी दल राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बढ़ चढ़कर भाग लिया था। इस रैली में बनर्जी ने कहा था कि जो नोटबंदी के खिलाफ अभियान का हिस्सा नहीं हैं वे धोखेबाज हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा नोटबंदी का विरोध किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिंह ने कहा कि उनकी (केजरीवाल की) राजनीति ही भाजपा विरोध के ऊपर टिकी हुई है। जिसदिन उन्होंने भाजपा का विरोध करना बंद कर दिया उसी दिन उनकी सरकार गिर जाएगी।

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