Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Aug, 2017 05:36 PM
जबसे एनआईए ने टेरर फंडिंग केस में अलगाववादी नेताओं पर शिंकजा कसा है
नई दिल्ली: जबसे एनआईए ने टेरर फंडिंग केस में अलगाववादी नेताओं पर शिंकजा कसा है और इनकी आतंकियों से इनकी गहरी सांठ गांठ उजागर हुई है। देश में उनके खिलाफ रोष का माहौल पैदा हो गया है। इसी का नतीजा है कि इनकी पैरवी करने को कोई वकील तैयार नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक हुर्रियत के कुछ नेता जिनमें शब्बीर शाह और सैयद अली शाह गिलानी अहम हैं, लगातार ऐसे वकीलों के संपर्क में हैं, जो कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के लिए काफी सहानुभूति रखते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं इन नेताओं ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एसआर गिलानी के साथ भी कांटैक्ट किया है।
हुर्रियत नेताओं ने गिलानी को जिम्मेदारी दी है कि वह उनके लिए वकील तलाशें जो एनआईए की स्पेशल कोर्ट में उनकी पेशी के दौरान उनके पक्ष को मजबूती से रख सकें।
गौरतलब है कि गिलानी साल 2001 में संसद पर हुए हमले में आरोपी थे। गिलानी को साल 2010 में बरी किया गया था। फिलहाल वह एक एनजीओ के मुखिया हैं।