श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में नहीं अता हो पाई जुम्मा की नमाज, कर्फ्यू जारी

Edited By ,Updated: 28 Oct, 2016 04:27 PM

no permission for namaz in jamia mosque

श्रीनगर में अलगाववादियों की ‘जामिया मस्जि चलो’ रैली को विफल करने के लिए बटमालू के अलावा शहर-ए-खास और पुराने इलाके में आज फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया जिसके चलते मार्च को नाकाम कर दिया गया।

श्रीनगर : श्रीनगर में अलगाववादियों की ‘जामिया मस्जि चलो’ रैली को विफल करने के लिए बटमालू के अलावा शहर-ए-खास और पुराने इलाके में आज फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया जिसके चलते मार्च को नाकाम कर दिया गया। इस दौरान नजरबंदी को तोड़ते हुए हुरियत कांफ्रैंस (एम) प्रमुख मीरवायज उमर फारुक ने मार्च निकालने की कोशिश की लेकिन उनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं, हुरियत कांफ्रैंस (जी) चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी भी नजरंबद रहे जबकि जे.के.एल.एफ. प्रमुख जो पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में उपचाराधीन थे को आज श्रीनगर के सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया। इस बीच अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल और प्रशासनिक पाबंदियों की वजह से आज लगातार 112वें दिन भी आम जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। उधर, पाबंदियों के कारण जामिया मस्जिद में आज लगातार 16 शुक्रवार भी जुमे की नमाज नहीं अदा की जा सकी।


जानकारी के अनुसार हुरियत कांफ्रैंस (एम) चेयरमैन मीरवायज उमर फारुक को आज पुलिस ने नगीन इलाके में उनके निवास के बाहर गिरफतार कर लिया। मीरवायज ने कर्फ्यू का उल्लंघन कर कुलगाम की ओर मार्च करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उनको रोक दिया और गिरफ्तार कर दिया। मीरवायज को नगीन पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया गया है।  


श्रीनगर के पुराने शहर को पूरी तरह से सील कर दिया गया। आजादी समर्थक और देश विरोधी प्रदर्शनों के गढ़ पुराने शहर की गलियों और सभी सडक़ों पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया। अधिकारियों के अनुसार वह किसी भी तरह का जोखिम नही उठाना चाहते है, इसलिए पुराने शहर में सख्त कफ्र्यू लागू करने के निर्देश दिए गए। जामिया मस्जिद की ओर जाने वाली सभी सडक़ों को बंद कर दिया गया है ताकि वहां लोग एकत्र नहीं हो सकें। पुराने शहर के नौहट्टा, खानयार, सफाकदल, रैनावाड़ी और महाराज गंज में और शहर के बाहरी इलाके के बटमालू में कर्फ्यू लागू किया गय। इन स्थानों के इलावा कश्मीर के किसी और इलाके में लोगों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है, लेकिन घाटी में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लोगों के एक जगह इकठ्ठा होने पर प्रतिबंध है।


इन संगठनों ने हड़ताल की अवधि तीन नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है। अलगाववादियों ने लोगों से मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए ‘घेराबंदी’ को तोडऩे के वास्ते आज जामिया मस्जिद की ओर मार्च करने की अपील की है। हालांकि उदारवादी एचसी के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के मजबूत गढ़ माने जाने वाले इलाके में स्थित इस मस्जिद का मुख्य द्वार बंद है और इसके आस-पास तथा जामिया मार्केट इलाके में बुलेट प्रूफ जैकेट पहने और स्वचालित हथियारों के साथ बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं।


श्रीनगर शहर के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध के कारण लोगों एवं वाहनों की आवाजाही में आज गिरावट देखी गई। सिविल लाइंस और शहर के बाहरी इलाकों में सडक़ों पर यातायात आम दिनों के मुकाबले आज कम रहा। इसी बीच अलगाववादियों के आह्वान पर आयोजित हड़ताल के कारण 112वें दिन भी शेष घाटी में जनजीवन प्रभावित रहा। दुकानें, पेट्रोल पंप, व्यावसायिक संस्थान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियातन कदम उठाते हुए संवेदनशील स्थानों एवं मुख्य सडक़ों के पास बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इस बीच शहर के व्यवसायिक केन्द्र लालचौक को भी सील कर दिया गया। लालचौक की ओर जाने वाली सडक़ों को कंटीले तारों से अवरुद्ध कर दिया गया। लालचौक के घंटाघर की ओर किसी को भी जाने की इजाजत नही दी गई। वहीं, यासीन मलिक के गढ़ मयसूमा इलाके, बडशाह चौक, मदीना चौक, गवकदल और रेडक्रॉस रोड़ को भी सील कर दिया गया। किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए इन स्थानों में पुलिस और सी.आर.पी.एफ. को तैनात किया गया।


पुलिस के एक अधिकारी ने बताया अलगाववादियों द्वारा आहूत मार्च के बाद एहतियातन उपाय के तहत घाटी के अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां जिलों में प्रतिबंध रहे। चार जिलों बांदीपोरा, बडग़ाम, गंदरबल और बारामुला तथा श्रीनगर शहर के बाकी इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि घाटी में स्थिति अब तक शांतिपूर्ण है और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।

 

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