Edited By ,Updated: 01 Oct, 2016 08:47 PM
पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने शुक्रवार को कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत...
नई दिल्ली: पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने शुक्रवार को कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत के प्रयास और पेरिस समझौते के अनुमोदन के बीच कोई संबंध नहीं है और जलवायु परिवर्तन पर समझौते का अनुमोदन करने का फैसला इसके प्रभावों के बारे में अंदरूनी स्तर पर व्यापक चर्चा के बाद किया गया। उन्होंने जोर दिया कि सरकार पर कोई दबाव नहीं है और विभिन्न मंचों पर नेताओं ने निजी हैसियत से पहले बयान दिए थे।
भारत को दबाव नहीं पसंद: अनिल माधव
दवे ने संवाददाताओं से कहा कि अगर कोई हमपर दबाव डालता है तो हम उसे पसंद नहीं करते हैं और इसलिए हम किसी पर भी दबाव नहीं डालते हैं। लेकिन हम अपनी बात बेहद जोरदार तरीके से रखने में विश्वास रखते हैं। अनुमोदन के विषय को प्रधानमंत्री और पर्यावरण मंत्रालय देखता है। और जो कुछ भी हुआ, वो हर व्यक्ति के सामने है।
उन्होंने कहा कि शेष, अगर विभिन्न मंचों पर अलग-अलग राय जाहिर की गई है तो उन्होंने अपनी निजी हैसियत से कहा होगा। हमारे उपर कोई दबाव नहीं है। हम सिर्फ हमारे हिस्सेदारों की राय को जांचना चाहते थे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि भारत न तो दूसरों पर दबाव डालता है और न ही किसी का दबाव अपने ऊपर लेता है।