SC की टिप्पणीः हिंसा रुकने से पहले घाटी में कोई बातचीत संभव नहीं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 10:53 PM

no talks in the valley before the violence stops supreme court

सुरक्षा बलों के पेलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की

नई दिल्लीः सुरक्षा बलों के पेलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की। सोमवार को शीर्ष अदालत ने कहा,'जम्मू-कश्मीर में हिंसा और संघर्ष थमने से पहले बातचीत संभव नहीं है।' चीफ जस्टिस जेएस खेहर और डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सवालिया अंदाज में कहा कि किससे बात करें? हिंसा रुकने से पहले किसी भी तरह की बातचीत नहीं की जा सकती है। 

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर बार असोसिएशन के ऐग्जिक्यूटिव मेंबर ने 22 सितंबर 2016 को हाई कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश के विरोध में याचिका दाखिल की थी। उस दौरान हाई कोर्ट ने बार असोसिएशन की पेलेट गनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

बार असोसिएशन ने ये कहते हुए इनके इस्तेमाल पर रोक की मांग की थी कि खुद केंद्र सरकार ने इनके इस्तेमाल पर विचार करने के लिए एक एक्सपर्ट पैनल का गठन किया है। याचिका की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मसले के समाधान के दो ही रास्ते हैं। या तो पार्टियां आपस में बैठें या फिर अदालत फैसला दे। 

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