Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jun, 2017 11:42 PM
गो हत्या और बीफ के सेवन को लेकर विवाद के बीच आरएसएस से संबध साप्ताहिक ...
नई दिल्ली: गो हत्या और बीफ के सेवन को लेकर विवाद के बीच आरएसएस से संबध साप्ताहिक पांचजन्ये के पूर्व संपादक तरण विजय ने कहा है कि उत्तर भारतीयों की खान-पान की आदत को पूरे देश पर थोपा नहीं जा सकता है। पांचजन्ये में प्रकाशित एक लेख में उन्होंने गोरक्षक समूहों से स्वामी विवेकानंद और वी डी सावरकर को पढऩे को कहा ताकि इस बात को समझा जा सके कि उत्तर भारत में रह रहे लोगों की खान-पान की आदत पूरे देश पर थोपी नहीं जा सकती है।
विजय ने सार्वजनिक विमर्श में विकास के मुद्दों को आगे रखने की वकालत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिजली, रेलवे, राजमार्ग निर्माण और महिला सशक्तीकरण जैसे मुद्दों पर काम कर रहे हैं जबकि हम पूरे भारत को अपनी पसंद और नापसंद के हिसाब से चलाने का प्रयास कर रहे हैं। गोरक्षकों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि गाय के प्रति असली समर्पण सार्वजनिक जीवन में पशुओं के प्रति सम्मान सुनिश्चित करना है और कानून अपने हाथ में नहीं लेना है जिससे कि पराजित विपक्ष को खड़ा होने में मदद मिले। लेख में कहा गया है, स्वामी विवेकानंद और वीर सावरकर के अनुयाई गाय के बारे में हल्ला मचा रहे हैं। उन्हें समझना चाहिए कि सिर्फ उत्तर भारत और एक बड़े समुदाय को ही समूचा भारत नहीं माना जा सकता।
उन्होंने कहा उन्हें विवेकानंद और वीर सावरकर को फिर से पढऩा चाहिए। जैसे हिंदी समूचा हिंदुस्तान नहीं है और भारत की एकता शेष भारतीय भाषाओं के प्रति सम्मान और आत्मीयता दिखाए बिना संभव नहीं है। उसी तरह खान-पान की आदतों और वस्त्र के संबंध में उत्तर भारत में कानून को समूचे देश पर कैसे लागू किया जा सकता है। यह लेख गो हत्या और कुछ गोरक्षकों द्वारा अफवाह के आधार पर कथित तौर पर गाय की तस्करी में शामिल लोगों पर हमला किए जाने को लेकर चल रही चर्चा के बीच प्रकाशित हुआ है। उन्होंने कहा जो भी गाय की हत्या में शामिल हैं, वे अपने स्तर से अपनी गायों को खुला छोड़ दें और गाय की रक्षा के लिए सरकार की तरफ देखेंे।