Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Feb, 2018 04:56 PM
सिविल सर्विस परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बदलते हुए कहा कि सिविल सेवा परीक्षा सूचना के अधिकार में नहीं आती। ऐसे में होने वाली प्रारंभिक सिविल परीक्षा के अंकों का विवरण नहीं दिया...
नई दिल्ली: सिविल सर्विस परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बदलते हुए कहा कि सिविल सेवा परीक्षा सूचना के अधिकार में नहीं आती। ऐसे में होने वाली प्रारंभिक सिविल परीक्षा के अंकों का विवरण नहीं दिया जा सकता। दरअसल, संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा केंद्र सरकार द्वारा आयोजित कराई जाती हैं।
सिस्टम के साथ समझौता नहीं
जज आदर्श कुमार गोयल और जज यूयू ललित ने अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रारंभिक अंकों के खुलासे के बाद इसकी आंकलन प्रक्रिया पर गलत प्रभाव पड़ सकता है और सिस्टम के साथ भी समझौता करना पड़ सकता है। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा की पारदर्शिता और दूसरी अति महत्वपूर्ण जानकारियों को छुपाने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
सिस्टम हो सकता है प्रभावित
लोक सेवा संघ आयोग के वकील राजीव सिन्हा ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के अंकों को सार्वजनिक करना जरूरी नहीं है।' अदालत ने यूपीएससी की इस बात को मानते हुए कहा कि अंकों को सार्वजनिक करने से प्रतिभागियों में असंतोष का माहौल होगा।मुकदमे दायर होंगे, मूल्यांकनकर्ता की पहचान बतानी होगी इससे सिस्टम पर असर पड़ेगा।