Edited By ,Updated: 11 Feb, 2017 12:03 PM
नोटबंदी के फैसले का जिन लोगों पर बुरा असर पड़ा है, उनके लिए ममता बनर्जी सरकार ने तमाम तरह की राहत का एलान किया है।
कोलकाता: नोटबंदी के फैसले का जिन लोगों पर बुरा असर पड़ा है, उनके लिए ममता बनर्जी सरकार ने तमाम तरह की राहत का एलान किया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में नोटबंदी से प्रभावित लोगों के लिए कोष का आबंटन किया है। साथ ही बजट में प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था को लेकर समायोजन किया गया है। बजट में 2016-17 के संशोधित अनुमान की तुलना में कर राजस्व में 14 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने विपक्षी वाम मोर्चा, कांग्रेस और भाजपा सदस्यों के बहिर्गमन के बीच बजट पेश किया। विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान पर बुधवार कथित हमले के विरोध में विपक्षी सदस्यों ने बहिर्गमन किया।
मित्रा ने 2017-18 के बजट अनुमान में 55,786.74 करोड़ रुपए के राजस्व संग्रहण का लक्ष्य रखा है। 2016-17 के संशोधित अनुमान के तहत यह 48,926.69 करोड़ रुपए है। वित्त मंत्री ने राज्य की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। हालांकि, मित्रा ने यह नहीं बताया कि सरकार किस तरीके से कर राजस्व बढ़ाने का इरादा रखती है। वित्त वर्ष के लिए योजना व्यय 64,733 करोड़ रुपए रहने का प्रस्ताव किया गया है।
सरकार ने साल के दौरान केंद्रीय कोष में कटौती के बावजूद सभी सामाजिक क्षेत्र योजनाओं को जारी रखने का फैसला किया है। मित्रा ने अपने बजट भाषण में कहा कि नोटबंदी से प्रभावित छोटे कारोबारों को राहत देने के लिए वैट के लिए कारोबार की सीमा को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए किया जा रहा है। इसके अलावा नोटबंदी की वजह से अपने घरों को लौटने वाले कुशल श्रमिकों को एकमुश्त सहायता के लिए 250 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।