नोटबंदी पर बहस इंदिरा के समय की अमीर-गरीब जैसी:  फोर्ब्स

Edited By ,Updated: 15 Jan, 2017 05:31 PM

notbandi debate as rich and poor at the time of indira

नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार को लेकर छिड़ी बहस को पुराने दिनों की अमीर और गरीब की लड़ाई के रूप में बदलने पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई)

नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार को लेकर छिड़ी बहस को पुराने दिनों की अमीर और गरीब की लड़ाई के रूप में बदलने पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष नौशाद  फोर्ब्स ने  दुख जताया है। उन्होंने कहा कि अमीरी और बेईमानी को जोड़ा नहीं जाना चाहिए और हमें ‘ईमानदार अमीरों’ का सम्मान करना चाहिए।

एक साक्षात्कार में फोब्र्स ने कहा कि नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार पर बहस अमीर गरीब की लड़ाई में बदल गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह गलत है। इसे अमीर गरीब की बहस के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह ईमानदार और बेईमान की बहस होनी चाहिए। ईमानदार-बेईमान की बहस अमीर-गरीब की बहस नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि अमीरी और बेईमानी को जोडऩा काफी परेशान करने वाला है और यह 1970 के दशक में इंदिरा गांधी के दौर की याद दिलाता है। फोर्ब्स ने कहा कि पिछले 25 साल में भारत काफी तेजी से आगे बढ़ा है। उन्होंने आगाह किया कि उसे 1970 के दशक में नहीं लौटना चाहिए। फोर्ब्स ने इस दलील को खारिज कर दिया कि अमीर लोग गरीबों की तुलना में अधिक बेईमान होते हैं। हमें ईमानदार अमीरों का उसी तरीके से सम्मान करना चाहिए जैसे गरीबों का करते हैं। 

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