Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 05:36 PM
नोटबंदी पर पिछले एक साल से मोदी सरकार को घेरने में लगी कांग्रेस अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने तथा इस निर्णय के चलते विभिन्न घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए 8 नवंबर को ‘राष्ट्रीय त्रासदी दिवस’ के रूप में...
नई दिल्ली: नोटबंदी पर पिछले एक साल से मोदी सरकार को घेरने में लगी कांग्रेस अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने तथा इस निर्णय के चलते विभिन्न घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए 8 नवंबर को ‘राष्ट्रीय त्रासदी दिवस’ के रूप में मनाने का विचार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 8 नवंबर को अचानक नोटबंदी का ऐलान किया था जिसके तहत 500 और 1000 रूपये के पुराने नोटों का प्रचलन बंद कर दिया गया था।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने आज यहां बताया कि पार्टी की कई राज्य इकाईयों ने अनौपचारिक तौर पर यह सुझाव दिया है। पार्टी जल्दी ही इस पर विचार कर निर्णय लेगी । साथ ही उन्होंने कहा कि यदि राज्य इकाई चाहे तो वह इस कदम पर आगे बढ सकती हैं। सूत्रों ने कहा कि इस बारे में अंतिम निर्णय पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श तथा इसके परिणामों का आकलन करने के बाद लिया जायेगा। उन्होंने कहा यह निर्णय अर्थव्यवस्था के लिए घातक रहा , देश के कई हिस्सों में लोगों ने आत्महत्या कर ली।
सूत्रों ने बताया कि अभी पार्टी की असम , आन्ध्र प्रदेश और महाराष्ट्र इकाईयों ने 8 नवबर को राष्ट्रव्यापी विरोध का सुझाव दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि नोटबंदी और उससे जुडी विभिन्न घटनाओं के कारण लगभग 150 लोगों की असमय मौत हो गई। कई लोगों ने इस निर्णय से हुई परेशानी के चलते आत्महत्या कर ली। पार्टी का कहना है कि इस निर्णय से सूक्ष्म और मझोले व्यापारियों को बेतहाशा नुकसान हुआ। उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में कपड़ा क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे सरकार की बड़ी विफलता करार दिया था और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इसकी कड़ी आलोचना की थी।