Edited By ,Updated: 15 Nov, 2016 01:37 AM
शहर के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को हाईटैक बनाने और चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सी.टी.यू.) की बसों को और भी पैसेंजर्स फ्रैंडली बनाने के लिए यू.टी. प्रशासन ने ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है जिसके जरिए अब एक जगह बैठकर अधिकारी अपने स्टाफ की...
चंडीगढ़, (विजय) : शहर के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को हाईटैक बनाने और चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सी.टी.यू.) की बसों को और भी पैसेंजर्स फ्रैंडली बनाने के लिए यू.टी. प्रशासन ने ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है जिसके जरिए अब एक जगह बैठकर अधिकारी अपने स्टाफ की हर हरकत पर नजर रख पाएंगे। अब ज्योग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम (जी.आई.एस.) के जरिए सी.टी.यू. की लॉन्ग रूट की बसों पर नजर रखी जाएगी।
यह सब होगा जी.पी.एस. की बदौलत जो सी.टी.यू. की लॉन्ग रूट की बसों में लगाए जाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि कोई भी बस चालक अपनी मर्जी से ही अधिक देर तक किसी एक जगह बस खड़ी नहीं कर पाएगा। दरअसल अधिकारियों के पास इस तरह की शिकायतें आ रही थीं कि सी.टी.यू. की बसें सही समय पर नहीं पहुंचती हैं। कईं बार सी.टी.यू. का स्टाफ अपनी मर्जी से ढाबे या रेस्टोरैंट पर काफी देर तक बसों को रोक कर रखते हैं। इन्हीं शिकायतों को दूर करने के लिए नई तकनीक को अपनाया गया है।
मैट्रो की तरह होंगे आर.एफ.आई.डी. कार्ड
चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट जल्द ही दिल्ली मैट्रो की तर्ज पर रेडियो फ्रिक्वैंसी आईडैंटिफिकेशन (आर.एफ.आई.डी.) भी लांच करेगा। इसकी बदौलत न केवल फाइनैंशियल मामलों को लेकर पारदर्शिता आएगी बल्कि पैसेंजर्स के साथ-साथ स्टाफ का भी समय बचेगा। इसके लिए डिपार्टमेंट दिल्ली मेट्रो की स्टडी कर रहा है। हालही में लांच किए गए इलैक्ट्रॉनिक टिकटिंग सिस्टम के बाद यह टिकट प्रणाली को और सरल बनाने के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का अहम कदम बताया जा रहा है।
वर्कशॉप में होगा कंट्रोल रूम
प्रशासन ने योजना तैयार की है कि सी.टी.यू. की बसों की ट्रैकिंग पूरी तरह से कंट्रोल रूम से रखी जाएगी। इसके लिए सी.टी.यू. की वर्कशॉप में ही एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। कंट्रोल रूम में सी.टी.यू. का स्टाफ रहेगा जो नजर रखेगा कि कौन सी बस अपने तय समय से कितनी देर मंजिल तक पहुंची। यही नहीं, किस बस ने कितना समय कहां व्यर्थ गंवाया? इसके बाद स्टाफ से इसके कारण पूछे जाएंगे।