Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Oct, 2017 11:03 PM
बिहार में शादी करवाने वाले पंडितों पर एक नई जिम्मेदारी आने वाली है। पंडित जी को बताना पड़ेगा कि उन्होंने जिसकी शादी करवाई है वे दूल्हा-दुल्हन बालिग हैं या नहीं। पंडित जी को यह लिखकर बताना पड़ेगा। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे बाल विवाह खत्म तो...
पटना: बिहार में शादी करवाने वाले पंडितों पर एक नई जिम्मेदारी आने वाली है। पंडित जी को बताना पड़ेगा कि उन्होंने जिसकी शादी करवाई है वे दूल्हा-दुल्हन बालिग हैं या नहीं। पंडित जी को यह लिखकर बताना पड़ेगा।
राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे बाल विवाह खत्म तो नहीं लेकिन उस पर बहुत हद तक अंकुश लगेगा। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी और नशाबंदी के बाद बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। बिहार सरकार ने इस साल 2 अक्तूबर से इस अभियान की शुरूआत की है।
हालांकि सरकार का कहना है कि इसके अलावा और भी कई तरीकों पर विचार किया जा रहा है जिसमें आधार कार्ड और जहां शादी हो रही है वहां खासकर कन्या का घर जहां हो वहां के वार्ड कौंसलर से भी लिखित में यह अंडरटेकिंग लिया जाए लेकिन फिलहाल सरकार मानती है कि शुरूआत में पंडितों या शादी करवाने वाले दूसरे पुजारियों से लिखित में लिया जाए।