Edited By ,Updated: 29 Jul, 2016 12:56 AM
चार लेखकों को वर्ष 2015 के लिए भारतीय ज्ञानपीठ का 11वां नवलेखन पुरस्कार वीरवार को एक समारोह ...
नई दिल्ली: चार लेखकों को वर्ष 2015 के लिए भारतीय ज्ञानपीठ का 11वां नवलेखन पुरस्कार वीरवार को एक समारोह में प्रदान किया गया। इन लेखकों में तीन लेखक राजस्थान के हैं। अमलेंदु तिवारी और बलराम कावंत उनके उपन्यास ‘परित्यक्त’ और ‘सारा मोरिला’ के लिए सम्मानित किए गए। जबकि आेम नागर और तसनीम खान को क्रमश: ‘नीब के चिरे से’ और ‘ये मेरे रहनुमा’ के लिए सम्मानित किया गया।
पुरस्कार पाने वालों का चयन वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार मधुसूदन आनंद के नेतृत्व वाली समिति ने किया। इस समिति में जानेमाने साहित्यिक हस्तियां जैसे विष्णु नागर, गोविंद प्रसाद और आेम निश्चल शामिल थे। समारोह में ज्ञानपीठ निदेशक लीलाधर मांडलोई मौजूद थे। उन्होंने कहा कि तिवारी और आेम नागर को 50-50 हजार रुपए, एक प्रमाणपत्र और वाग्देवी की प्रतिमा दी जाएगी। इसके अलावा दो को पुरस्कृत करने के अलावा भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले चारों लेखकों की कृतियों का प्रकाशन भी करेगा।