Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Oct, 2017 10:22 PM
भारत में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि लोगों में उम्र के साथ जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ती जा रही है ...
नई दिल्ली: भारत में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि लोगों में उम्र के साथ जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ती जा रही है और रियुमेटोइड अर्थराइटिस (गठिया) से पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अधिक पीड़ित हैं। इसमें 2025 तक भारत में ऑस्टियो अर्थराइटिस के छह करोड़ से अधिक मामलों का पूर्वानुमान भी जताया गया है।
एसआरएल लैबोरेटरीज ने जनवरी 2014 से लेकर पिछले करीब साढ़े तीन साल की अवधि में देशभर में जोड़ों के दर्द के मामले में अपनी प्रयोगशालाओं में लिए अर्थराइटिस की जांच के 64 लाख नमूनों का अध्ययन कर उक्त निष्कर्ष निकाला।
एसआरएल की एक विज्ञप्ति के मुताबिक देश में तकरीबन 18 करोड़ लोग गठिया का दर्द झेल रहे हैं और इनकी संख्या डायबिटीज, एड्स और कैंसर जैसे रोगों से पीड़ित लोगों से कम नहीं है। अध्ययन के नतीजों में कहा गया कि अर्थराइटिस का सबसे प्रचलित रूप ऑस्टियो अर्थराइटिस है जो हर साल भारत में डेढ़ करोड़ वयस्कों को प्रभावित करता है। ऑस्टियो अर्थराइटिस भी महिलाओं में अधिक पाया जाता है और उम्र बढऩे के साथ इसकी आशंका बढ़ती जाती है।
रिपोर्ट कहती है कि 65 साल से अधिक उम्र की तकरीबन 45 फीसदी महिलाओं में जोड़ों के इस दर्दनाक रोग के लक्षण मौजूद हैं। एसआरएल डायग्नास्टिक्स के डॉ अविनाश फड़के ने एक बयान में कहा, ‘‘एक अनुमान के अनुसार 2025 तक भारत ऑस्टियो अर्थराइटिस के छह करोड़ से अधिक मामलों के साथ इस रोग के लिहाज से दुनिया की राजधानी बन जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि शुरूआत में इस समस्या के लक्षणों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और समय पर निदान एवं उपचार से लोग अपने जोड़ों को बचा सकते हैं।