Edited By ,Updated: 11 Jan, 2017 03:27 PM
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ कांग्रेस के जन वेदना सम्मेलन में पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार को जमकर घेरा। पूर्व वित्त मंत्री ने भारत सरकार से उन मजदूरों और किसानों के लिए मुआवजे की मांग की जिन्होंने कथित तौर पर इस नोटबंदी के कारण अपनी...
नई दिल्लीः मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ कांग्रेस के जन वेदना सम्मेलन में पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार को जमकर घेरा। पूर्व वित्त मंत्री ने भारत सरकार से उन मजदूरों और किसानों के लिए मुआवजे की मांग की जिन्होंने कथित तौर पर इस नोटबंदी के कारण अपनी रोजी-रोटी गंवाई है। उन्होंने कहा कि फाइनैंस सैक्रेटरी, बैंकिंग सैक्रेटरी, चीफ इकॉनमी एडवाइजर किसी को भी इस फैसले के बारे में कुछ नहीं पता।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्य आर्थिक सलाहकार ने 70 दिनों में एक शब्द नहीं कहा। कब आर.बी.आई. ने ये मीटिंग की, 10 स्वतंत्र महानिदेशकों में 7 स्थान खाली हैं। कैबिनेट मीटिंग का कोई रिकॉर्ड नहीं है, कैबिनेट नोट कहां है? जब तक पीएम ने टी.वी. पर नोटबंदी के फैसले का ऐलान नहीं किया, मंत्रियों को कैदियों की तरह रखा गया। उन्होंने पूर्व आर.बी.आई. गवर्नर के बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘पूर्व गवर्नर ने कहा था कि इस संस्थान की स्वायत्ता पर खतरा है। जी.डी.पी. गिर गई है।
आर.बी.आई. ने भी कहा है, पर केवल वित्त मंत्री अरुण जेतली ऐसे शख्स हैं जिन्होंने कहा कि जी.डी.पी. नीचे नहीं गई पर मैं कहना चाहूंगा कि 1 प्रतिशत से देश को 1.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होता है। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि मनमोहन सिंह जी ने संसद में कहा है कि अनुमान लगाया जा रहा है कि अर्थव्यवस्था 25 प्रतिशत तक गिर सकती है इसलिए कांग्रेस पार्टी को आम आदमी के लिए आवाज उठाना चाहिए, क्योंकि आम आदमी की किसी समस्या को उठाना हमारा काम है। किसी भी काम या बात जो आम आदमी को परेशान करती है उसकी आवाज हमें उठानी चाहिए। अगर हम ऐसा नहीं करते तो हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।