पद्म पुरस्कार भी अब ‘मोदी स्टाइल’ में, इन राज्यों में किसी का नाम सूची में नहीं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jan, 2018 09:03 AM

padma awards  modi style

जबसे मोदी सरकार सत्ता में आई है तो पद्म पुरस्कार के वितरण की व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन किया गया है। वे दिन लद गए जब राज्यपाल, केन्द्रीय मंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख नेताओं की तूती बोलती थी। निजी तौर पर इन सभी को बता दिया गया कि वे अपने...

नेशनल डेस्कः जबसे मोदी सरकार सत्ता में आई है तो पद्म पुरस्कार के वितरण की व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन किया गया है। वे दिन लद गए जब राज्यपाल, केन्द्रीय मंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख नेताओं की तूती बोलती थी। निजी तौर पर इन सभी को बता दिया गया कि वे अपने मनपसंद लोगों के पक्ष में सिफारिशें न भेजें। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की वैबसाइट पर एक मंच बनाया गया, जिसमें पैरामीटर का अनुसरण करने को कहा गया। इस संबंध में उच्च स्तरीय समिति द्वारा सिफारिश किए गए नामों की सूची उस समय प्रधानमंत्री की मेज पर रख दी गई जब वह दावोस के लिए रवाना हुए थे। यद्यपि प्रधानमंत्री 23 जनवरी की शाम को वापस लौट आए मगर उन्हें इन नामों को देखने का समय नहीं मिला। इसका कारण यह है कि पीएमओ ने इन सिफारिशों की अपने नैटवर्क के जरिए काट-छांट की थी।

अगर  सूत्रों पर विश्वास किया जाए तो प्रधानमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की एक प्राइवेट अस्पताल के प्रमुख डाक्टर को पद्म भूषण पुरस्कार देने की सिफारिश को भी नहीं सुना। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, पुड्डुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी और 3 अन्य प्रमुख केन्द्रीय मंत्रियों का हश्र भी ऐसा ही हुआ। इस बात को महसूस करते हुए कि पिछले वर्ष उनका अपमान हुआ था, इसलिए किसी भी वरिष्ठ मंत्री ने इस वर्ष प्रत्यक्ष रूप से पद्म पुरस्कार की कोई सिफारिश नहीं की। कोई भी नागरिक गृह मंत्रालय की वैबसाइट के जरिए पद्म पुरस्कार के लिए किसी के भी नाम की सिफारिश करने को स्वतंत्र है।

पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली से किसी का नाम पद्म सूची में नहीं
क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मोदी सरकार की पद्म पुरस्कार पाने वाले 85 लोगों की सूची में पंजाब, हरियाणा, केन्द्र शासित क्षेत्र दिल्ली और चंडीगढ़ से एक भी व्यक्ति का नाम नहीं। हिमाचल प्रदेश (मैडिसिन) के लिए जोशी धोदन का नाम लिया गया और वहीं जम्मू-कश्मीर से कला के लिए प्राण किशोर कौल को चुना गया। यह बहुत आघात पहुंचने वाली बात है कि लुटियन क्षेत्र का समूचा क्षेत्र मोदी के दीदार से गायब था। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल पुरस्कार विजेताओं की सूची पर दबदबा बनाए रहे।

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