पद्मावत को सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी, सभी राज्यों में होगी रिलीज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 03:39 PM

padmavat will get green signal from supreme court release in all states

सुप्रीम कोर्ट ने विवादित फिल्म पद्मावत की 25 जनवरी को देशभर में रिलीज का रास्ता साफ कर दिया। शीर्ष न्यायालय ने राजस्थान और गुजरात की ओर से इन राज्यों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाली अधिसूचनाओं और आदेशों पर आज रोक लगा दी। प्रधान न्यायाधीश...

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने विवादित फिल्म पद्मावत की 25 जनवरी को देशभर में रिलीज का रास्ता साफ कर दिया। शीर्ष न्यायालय ने राजस्थान और गुजरात की ओर से इन राज्यों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाली अधिसूचनाओं और आदेशों पर आज रोक लगा दी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने किसी भी अन्य राज्य को फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाला आदेश अथवा अधिसूचना जारी करने पर भी रोक लगा दी। पीठ ने कहा कि कानून व्यवस्था कायम रखना राज्यों का दायित्व है।
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जानिए पीठ ने क्या कहा अपने फैसले में
-‘‘हम निर्देश देते हैं कि जारी की गई इस तरह की अधिसूचना और आदेशों के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी। इस मामले में इस तरह की अधिसूचना अथवा आदेश जारी करने से हम अन्य राज्यों को भी रोक रहे हैं। ’’         

-सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने कहा ‘‘जब फिल्म के प्रदर्शन को इस तरह रोका जाता है तो मेरा संवैधानिक विवेक मुझे टोकता है।’’


-फिल्म के अन्य निर्माताओं समेत वायकॉम18 की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि राज्यों के पास फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने जैसी ऐसी अधिसूचना जारी करने की कोई शक्ति नहीं है, क्योंकि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) फिल्म की रिलीज के लिए प्रमाण पत्र जारी कर चुका है।     


-रोहतगी ने दलील दी कि जब सीबीएफसी ने फिल्म को प्रमाणपत्र प्रदान कर दिया है तब राज्य ‘‘सुपर सेंसर बोर्ड’’ की तरह काम नहीं कर सकते।     उन्होंने कहा कि राज्यों का दायित्व कानून व्यवस्था बनाए रखना है।    

-गुजरात, राजस्थान, हरियाणा राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि फिल्म के इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है। इस पर साल्वे ने फिल्म में दिखाए जाने वाले डिस्क्लेमर को कोर्ट के सामने पढ़कर सुनाया जिसमें लिखा गया था कि यह एक काल्पनिक कहानी है और इतिहास से इसका कोई लेना-देना नहीं है। साल्व ने कहा कि एक दिन में इस बात पर दलील देना चाहूंगा कि कलाकारों को इतिहास के साथ छेड़छाड़ का अधिकार होना चाहिए। इस पर तुषार मेहता ने कहा कि 'ऐसा नहीं हो सकता। आप महात्मा गांधी को विस्की पीते हुए नहीं दिखा सकते।' तुषार को जवाब देते हुए साल्वे ने कहा कि यह इतिहास से छेड़छाड़ नहीं होगी।' इस पर कोर्ट में मौजूद सभी लोग हंस पड़े।

बता दें कि गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश द्वारा फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाले आदेश और अधिसूचना के विरोध में फिल्म के निर्माताओं ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इन राज्यों की सरकारों ने ऐलान किया था कि वे अपने-अपने राज्यों में पद्मावत के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देंगी। फिल्म में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह मुख्य भूमिकाओं में हैं।

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