Edited By ,Updated: 31 Jan, 2017 06:00 PM
सोमवार रात पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को नजरबंद कर आतंकवाद के खिलाफ अपना पक्ष स्पष्ट करने की कोशिश की।
नई दिल्ली : सोमवार रात पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को नजरबंद कर आतंकवाद के खिलाफ अपना पक्ष स्पष्ट करने की कोशिश की। इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्त विकास स्वरूप का कहना है कि पाकिस्तान हाफिज सईद और अन्य की नजरबंदी पहले भी कर चुका है, आतंकी संगठनों पर ठोस कार्रवाई ही उसकी गंभीरता का सबूत होगी। पाकिस्तान की मीडिया ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी से भारत-पाक के बीच के तनाव में कमी आने की उम्मीद जताई है। मुंबई हमले के मास्टर माइंड के समर्थकों ने सरकार के इस फैसले को भारत और अमेरिका के दबाव में लिया गया फैसला बताते हुए बड़े शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।
हटे जमात-उद-दावा के बैनर
सईद को सोमवार को उसके लाहौर स्थित मुख्यालय पर नजरबंद किया गया था। उसे उसके आवास पर स्थानांतरित कर दिया गया और इसके साथ ही पंजाब प्रांत में अधिकारियों ने इसे उप-जेल घोषित कर दिया है। इसके अलावा प्रांतीय अधिकारियों ने लाहौर की सड़कों से जमात-उद-दावा के बैनर हटाने भी शुरू कर दिए हैं।
अमेरिका के दबाव में सईद नजरबंद
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से ये कदम अमेरिका के दबाव में उठाया गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद ही आतंक को पनाह देने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में खबर आ रही थी कि अमेरिका पाकिस्तान पर भी प्रतिबंध लगा सकता है।