Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 01:13 PM
पाकिस्तान कभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा और न ही कभी अपनी गलतियों को मानेगा। बार-बार सीजफायर का उल्लंघन करने वाले पाकिस्तान ने उलटा भारत पर ही इल्जाम लगाया है कि भारत की ओर से इसकी शुरुआत होती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अपनी...
नई दिल्लीः पाकिस्तान कभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा और न ही कभी अपनी गलतियों को मानेगा। बार-बार सीजफायर का उल्लंघन करने वाले पाकिस्तान ने उलटा भारत पर ही इल्जाम लगाया है कि भारत की ओर से इसकी शुरुआत होती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अपनी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज को खत लिखा। उन्होंने अपने खत में भारत पर आरोप लगाया कि आपकी तरफ से एलओसी और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सीजफायर उल्लंघन होता है, इसे बंद किया जाए। सुषमा को यह खत पिछले महीने नवंबर में मिला।
आसिफ ने पत्र में लिखा, अब समय आ चुका है दोनों देश सीजफायर का उल्लंघन बंद करें क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में निर्दोष नागरिकों की जान जा रही है। आसिफ ने आरोपलगाया कि भारतीय जवान फायरिंग कर पहले 'उकसाते' हैं जिसका पाकिस्तानी फौज केवल जवाब देती है। पाकिस्तान का दावा है कि इस साल भारत के जवानों ने कथित तौर पर 1,300 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है जिसमें उसके 52 नागरिकों की मौत हुई है।
स्वीकार्य नहीं पाकिस्तान का आरोप
सुषमा ने अभी इस खत का कोई जवाब नहीं दिया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान का यह आरोप स्वीकार्य नहीं है। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि साल 2017 में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन के मामलों में बढ़ौतरी हुई है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अक्तूबर तक पाकिस्तान ने इंटरनैशनल बॉर्डर और एलओसी पर 724 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है,जबकि पिछले पूरे साल में यह संख्या केवल 449 थी।
पाकिस्तान की फायरिंग में 12 नागरिकों और 17 भारतीय जवानों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। वहीं खत पर भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इससे दोनों देशों के संबंधों के बीच अब कोई सुधार नहीं होगा क्योंकि मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की रिहाई से उनके बीच और दूरी आ गई है। इसका ताजा उदाहरण रूस के सोची में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में देखने को मिला, जहां सुषमा स्वराज और पाक पीएम शाहिद अब्बासी दोनों ने शिरकत की थी लेकिन दोनों ही ओर से औपचारिक मुलाकात की भी कोई पहल नहीं की गई।