Edited By ,Updated: 06 Mar, 2017 03:16 PM
पाकिस्तान हमेशा से ही कहता आया है कि उसका देश आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देता है लेकिन उसके दोहरे रवैये की पोल खुद उनके ही अपने अधिकारी ने खोल दी है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान हमेशा से ही कहता आया है कि उसका देश आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देता है लेकिन उसके दोहरे रवैये की पोल खुद उनके ही अपने अधिकारी ने खोल दी है। मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले के समय पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे मोहम्मद अली दुर्रानी ने कबूल किया है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान में बैठे आतंकी समूहों का हाथ था। दुर्रानी ने इसे सीमा पार आतंकवाद का अनोखा मामला बताया। पहली बार दुर्रानी ने टीवी चैनल पर इस बात को स्वीकार किया कि अजमल कसाब पाकिस्तानी था। बता दें कि जब उन्होंने कसाब के पाकिस्तानी होने की बात कही थी तो तुरंत पाकिस्तान ने दुर्रानी को पद से हटा दिया था।
इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर दुर्रानी चर्चा में रहे हैं। सेना से जुड़े होने के बावजूद उन्हें डिप्लोमेटिक सर्विस पर भेजा गया। दुर्रानी पूर्व तानाशाह जिया-उल-हक के मिलिटरी सचिव रह चुके हैं। बाद में प्लेन क्रैश में जियाउलहक की मौत के मामले में उन्हें संदिग्धों की सूचि में रखा गया। वे अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत भी रहे। भले ही दुर्रानी के बयान के बाद पाकिस्तान सरकार की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन इतना जरूर है कि उनके अधिकारी द्वारा ऐसे बयान देने पर पाक सरकार के लिए मुश्किले खड़ी हो सकती हैं।