Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Aug, 2017 07:00 PM
किसी मसले को लेकर पाकिस्तान पर बिना सबूत के आरोप लगना भारत के लिए नया नहीं है
नई दिल्लीः किसी मसले को लेकर पाकिस्तान पर बिना सबूत के आरोप लगना भारत के लिए नया नहीं है। पाकिस्तान की आजादी के बाद से भारत किसी न किसी मुद्दे पर पाकिस्तान को दोषी ठहराता रहा है। ये कहना था कि भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त का। कश्मीर में आतंकी फंडिंग की जांच कर रही एनआईए के दावों पर उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने बुधवार को बयान दिया।
बता दें, एनआईए ने कहा था कि गिलानी के सहयोगी देविंदर सिंह बहल का इस्लामाबाद से संपर्क था। इसके जवाब में बासित ने कहा है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। भारत पहले भी बिना सबूत के इस तरह के आरोप लगाता रहा है।
एक इंटरव्यू के दौरान बासित ने कहा कि मैंने इस शख्स का नाम कभी नहीं सुना है। बासित ने आगे कहा कि भारत के आरोप नए नहीं हैं। पहले भी ऐसे आरोप लगाए गए हैं लेकिन साबित नहीं हो सके। मेरा विश्वास है कि इस बार भी ऐसा ही होगा।
एनआइए ने सोमवार को नौशेरा में आतंकी फंडिंग मामले में जम्मू कश्मीर सोशल पीस फोरम के चेयरमैन देविंदर सिंह बहल के आवास पर छापेमारी की। एनआइए ने अलगाववादियों के साथ संदिग्ध संपर्क पर बहल से पूछताछ की। एनआइए ने भी बहल के कई आवासों पर छापेमारी की।
तलाशी के दौरान एनआइए टीम ने चार मोबाइल फोन, एक टैबलेट अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के साथ कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं। पाकिस्तान के नियंत्रकों से अलगाववादी नेताओं तक फंड पहुंचाने के लिए कुरियर की भूमिका निभाने के संदिग्ध बहल की जांच की जा रही है।
इससे पहले 24 जुलाई को एनआइए ने सात अलगाववादियों को कश्मीर में टेरर फंडिंग के लिए मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।