Edited By ,Updated: 27 Jun, 2016 10:48 PM
सीआरपीएफ के महानिदेशक के. दुर्गा प्रसाद ने सोमवार को पंपोर अटैक को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के उलट बयान...
नई दिल्ली: सीआरपीएफ के महानिदेशक के. दुर्गा प्रसाद ने सोमवार को पंपोर अटैक को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के उलट बयान दिया। प्रसाद ने कहा कि सीआरपीएफ जवानों ने पंपोर हमले के दौरान स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का पालन किया था, जबकि रविवार को रक्षा मंत्री ने इस बात पर संदेह जताया था कि जम्मू कश्मीर के पंपोर में बस से जा रहे सीआरपीएफ जवानों पर आतंकवादियों के हमले के पीछे कहीं कोई सुरक्षा खामी तो नहीं थी।
पर्रिकर ने कहा था, उन्हें संदेह है कि एसओपी का उचित तरीके से पालन किया गया। सीआरपीएफ के डीजी ने कहा कि पंपोर में एसओपी को फॉलो किया था, फिर भी अगर कोई दिक्कत रह गई है तो हम दोबार रिव्यू करेंगे। उन्होंने यह भी बताया, हमारे पास इंटरसेप्ट था जिसमे ये जानकारी थी सुरक्षा बल के ऊपर आतंकी हमला कर सकते हैं। इस बात के लिए तैयार थे पर आतंकियों ने कुछ ही मिनटों में इस पूरी घटना को अंजाम दे दिया।
महज दो मिनट में हो गई घटना
प्रसाद ने कहा कि 1 से 2 मिनट में पूरी घटना हो गई. लोकल सपोर्ट से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि अमरनाथ यात्रा को लेकर खतरा है पर हम इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। प्रसाद के मुताबिक, ऐसी 5 माइन प्रूफ गाडिय़ों को जम्मू कश्मीर के खतरनाक इलाकों में भेजा गया है, जिनका इस्तेमाल सीआरपीएफ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में करती है।
हेड कॉन्स्टेबल वीर सिंह ने शहीद होने से पहले की 39 राउंड फायरिंग
सीआरपीएफ के डीजी ने कहा कि बस में सवार चार जवानों ने जवाब में तुरंत फायरिंग की थी. उन्होंने बताया कि हेड कॉन्स्टेबल वीर सिंह ने 39 राउंड और कॉन्स्टेबल सतीश चंद ने आतंकी हमले के जवाब में 32 राउंड फायरिंग की थी. ये दोनों बाद में शहीद हो गए. जबकि हेड कॉन्सटेबल पुषपति बुरी तरह घायल हो गए।
जख्मी हालत में भी नहीं हारी हिम्मत
सीआरपीएफ के मुताबिक, वीर सिंह और सतीश सिंह ने बहुत बुरी हालत होते हुए भी दम तोडऩे से पहले लगातार फायरिंग की। शहीद हुए जवानों की बंदूकों से बहुत सारे खाली राउंड मिले हैं. सिर्फ एक मिनट तक चले एनकाउंटर में सीआरपीएफ जवानों ने लगभग 500 राउंड फायरिंग की थी. जबकि आतंकियों ने 2 राउंड फायरिंग की थी और उनके पास से 2 हजार खाली राउंड मिले।