Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jul, 2017 07:11 PM
ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में शनिवार को सत्तारुढ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘शो ऑफ’ रैली की वजह से शहर में चारो तरफ से अराजकता की स्थिति पैदा हो गई।
श्रीनगर : ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में शनिवार को सत्तारुढ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘शो ऑफ’ रैली की वजह से शहर में चारो तरफ से अराजकता की स्थिति पैदा हो गई। शहर में लोगों को बंधक बनाया गया। सभी मुख्य सडक़ों पर भारी ट्रैफिक जाम लगने से मरीजों सहित सभी वर्गों के लोग बेहाल हो गए। यही नहीं श्रीनगर वासियों ने मुख्यमंत्री महबूबा को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया। लोगों ने आरोप लगाया कि पी.डी.पी. की शो ऑफ रैली की वजह से ट्रैफिक जाम की समस्या ने पूरे परिदृश्य को अराजक बना दिया।
आम लोगों को राहत देने के बजाय पुलिस सहित पूरा सुरक्षा तंत्र पी.डी.पी. कार्यकर्ताओं को सेवा देने में जुट गई। राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा कि असल में पिछले ढेढ़ साल से पी.डी.पी. का अस्तित्व खत्म हो रहा था, इसलिए आज अपनी मौजूदगी का दिखावा करने के लिए पार्टी द्वारा श्रीनगर में रैली का आयोजन किया गया।
कई निजी वाहन चालकों ने पी.डी.पी. कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता सडक़ों के बीचोबीच चल रहे थे और जब उनको रास्ता देने के लिए कहा गया तो वह गुंडागर्दी पर उतर आए। आम लोगों को गंभीर परिणामों का सामना करने की धमकी तक दी। यही नहीं कई जगाहों पर पुलिस को पी.डी.पी. कार्यकर्ताओं का समर्थन करते देखा गया।
मरीजों की अनदेखी का आरोप
कई लोगों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि वह निजी वाहनों में बीमारों को अस्पताल या डॉक्टर के ले जा रहे थे लेकिन पांद्रेथन इलाके से लेकर डलगेट इलाके तक ट्रैफिक अराजकता की वजह से समय पर नही पहुंच पाए। बीमारों की हालत बद से बदतर हो गई और राज्य की मुख्यमंत्री अपने समर्थकों के साथ जश्न मनाने में व्यस्थ रही। लोगों के दुखों को साझा करने वाली मुख्यमंत्री के दावों की पोल खुल गई।