फ्रिज में रखा था टॉयलेट क्लीनर पानी समझकर पी लिया

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 11:18 AM

pediatric department fridge tezaab

आरएमएल के बाल चिकित्सा विभाग (पीडीयाट्रिक विभाग) ने एक ऐसा कमाल किया है जिसे सुनकर लोग दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गए हैं। संबंधित मामले में जहां डॉक्टरों की कार्यकुशलता से एक मासूम की जान बचाई जा सकी है। वहीं, माता-पिता के लिए यह घटनाक्रम...

नई दिल्ली: आरएमएल के बाल चिकित्सा विभाग (पीडीयाट्रिक विभाग) ने एक ऐसा कमाल किया है जिसे सुनकर लोग दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गए हैं। संबंधित मामले में जहां डॉक्टरों की कार्यकुशलता से एक मासूम की जान बचाई जा सकी है। वहीं, माता-पिता के लिए यह घटनाक्रम सावधानी और सबक लेने जैसा है। 

अक्सर लोग नॉन ब्रांडेड (साधारण) टॉयलेट क्लीनकर का इस्तेमाल करते हैं, जिसके बोतल पर कोई स्लिप नहीं चिपकी होती है। इसे कई लोग फ्रिज में भी रख देते हैं लेकिन यह गलती जानलेवा साबित हो सकती है। बच्चे इसे पानी समझकर पी सकते हैं। दरअसल, इस मामले में यही हुआ। बच्चे ने बोतल में रखे तेजाब को पानी समझकर पी लिया। नतीजतन, आहार नली (फूड पाइप) जल गई। डॉक्टरों ने अपनी पूरी क्षमता और कार्यकुशला का परिचय देते हुए पेट के हिस्सों को काटकर आहार नली विकसित कर ली। तब कहीं जाकर बच्चे की जान बचाई जा सकी। ध्यान देने वाली बात यह है कि आरएमएल अस्पताल में यह अपने तरह की पहली सर्जरी है।

 इस सफलता से विभागीय डॉक्टर बेहद उत्साहित हैं। आरएमएल अस्पताल के पीडीयाट्रिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पिनाकी रंजन देवनाथ के मुताबिक हरियाणा निवासी नौ वर्षीय समीर पिछले वर्ष जनवरी माह में उनके संपर्क में आया था। पिता ने बताया कि समीर ने गलती से फ्रिज में रखा टॉयलेट क्लीनर पानी समझकर पी लिया, जिसके बाद समीर खून की उल्टियां करने लगा। वह कुछ भी खा नहीं पा रहा था। यहां तक की थूक तक नहीं निगल पा रहा था। डॉक्टर ने जांच किया तो पता चला कि बच्चे की आहार नाली जलने से जख्म (कॉस्टिक इसोफेगस इंजरी) हो गई है। ऐसी स्थिति में आहार नली बेकार हो जाती है। बच्चे का वजन कुछ ही समय में घटकर महज 13 किग्रा. रह गया। 

डॉ. पिनाकी ने बताया कि इतने कम वजन में सर्जरी करना आसान नहीं था। ऐसे में सबसे पहले आंतों को पाइप के जरिए जोड़ा गया। फिर उसे आहार के तौर पर दूध और जूस दिया गया। करीब तेरह महीने के बाद बच्चे का वजन बढ़कर 24 किग्रा. हो गया। बच्चे की सर्जरी 27 फरवरी को की गई। इस दौरान डॉक्टरों ने पेट काटकर आहार नली बनाई और फिर उसे गर्दन तक लाकर जोड़ दिया। सर्जरी छह घंटे तक चली। 

सर्जरी में डॉ. पिनाकी के नेतृत्व में डॉ. अतुल, डॉ. शालू और डॉ. विजय के अलावा पीडीयाट्रिक सर्जरी विभाग के कई रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी हिस्सा लिया। बताया गया है कि करीब दो महीने बाद बच्चे की एक और सर्जरी होगी। इस दौरान बच्चे की आहार नली को उसके मुंह से जोड़ा जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि पेट के अलावा आंतों की मदद से भी आहार नली विकसित करना संभव है लेकिन आंतों के शीघ्र ही काले पडऩे का जोखिम बना रहता है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!