नाेट बैन के बाद हुई ये 7 घटनाएं जान पसीज जाएगा दिल!(Pics)

Edited By ,Updated: 18 Nov, 2016 11:26 AM

people facing problems after currency ban in india

1000-500 के नोट बैन के ऐलान के बाद देशभर में ज्‍यादातर लोगों का समय बैंकों और ATM के बाहर लाइन में बीत रहा है।

नई दिल्लीः 1000-500 के नोट बैन के ऐलान के बाद देशभर में ज्‍यादातर लोगों का समय बैंकों और ATM के बाहर लाइन में बीत रहा है। सुबह से ही लोग लाइन में लग जाते हैं और अपनी बारी अाने का इंतजार करते हैं। अाज हम आपको नोटबंदी के बाद की कुछ ऐसे ही घटनाएं बताने जा रहे हैं, जहां नाेटबंदी का असर साफ देखने काे मिला।

नाेटबंदी से जुड़ी कुछ घटनाएंः-

1) लाइन में बच्‍चे को पिलाना पड़ा दूध
एक महिला बैंक के बाहर ही लाइन में अपने बच्‍चे को दूध पिलाती नजर आई। महिला का कहना था कि पति को काम पर जाना था और घर में 500-1000 की नोट के अलावा खुले रुपए नहीं बचे हैं। ऐसे में मुझे ही नोट बदलवाने के लिए लाइन में लगना पड़ा। बच्‍चा छोटा है, इसलिए उसे घर पर छोड़कर नहीं आ सकती थी। बच्‍चे को भूख लगी थी ताे यहीं बैठकर दूध पिला दिया, क्याेंकि लाइन से बाहर नहीं जा सकती थी।

2) मंगलसूत्र गिरवी रख लिया पति का शव
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के मिमहेंस अस्पताल में 3 नवंबर को हरिद्वार के रहने वाले मनीराम को ब्रेन हेमरेज के चलते भर्ती करवाया गया। इलाज के दौरान 11 नवंबर को मनीराम की मौत हो गई। अस्पताल की ओर से परिजनों को 22 हजार रुपए बकाया का बिल बनाकर दिया गया। बिल जमा करने गए मृतक के बेटे उमेश का कहना था कि अस्पताल ने 500 के नोट लेने से मना कर दिया और कहा कि 100-100 की नोट लेकर आओ फिर ही बॉडी मिलेगी। काफी मिन्‍नतों के बाद भी जब अस्पताल वाले नहीं मानें, ताे उनकी मा ने अपना मंगलसूत्र और सोने की अंगूठी एक ज्वैलर्स के यहां गिरवी रखकर रुपयाें का इंतजाम किया और पापा का शव लिया।

3) भीख मांगकर करना पड़ा अंतिम संस्‍कार
यूपी के आगरा में 15 नवंबर को परिवार के मुखिया विशम्भर की मौत हो गई। जब भतीजे मनोज बाजार में  दाह सामग्री लेने गए तो 500 और 1000 के नोट होने पर दुकानदार ने संस्कार सामग्री देने से इनकार कर दिया। मनोज ने बताया, दुकानदार ने कहा कि 500 और 1000 के नोट हैं, तो सामान नहीं मिलेगा। कोई रास्‍ता नहीं दिखने पर गांव में लोगों के सामने हाथ जोड़कर भीख मांगी। एक-एक पैसे जोड़े और दाह संस्कार का सामान लाकर चाचा का अंतिम संस्‍कार किया।

4) नहीं हुई पिता की आखिरी इच्‍छा पूरी
जालंधर के अपरा निवासी जनरैल सिंह को 12 नवंबर को किडनी की बीमारी के चलते प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां देर रात उनकी मौत हो गई। उनकी ख्वाहिश थी कि मरने के बाद उनका शव दान कर दिया जाए। इसलिए माैत के बाद परिवार ने उनकी इच्छा मुताबिक बॉडी डोनेट करने का प्रोसेस भी शुरू कर दिया। जनरैल सिंह के इलाज का बिल 6500 रुपए हो चुका था। जिसे चुकाने दिए जा रहे पुराने नोटों को अस्पताल मैनेजमेंट ने लेने से मना कर दिया। जब उन्हें जरनैल की अंतिम इच्छा के बारे में सबूत देकर बताया, तो उन्होंने पुराने पैसे लेकर बाॅडी परिवार वालों को सौंपी। जब तक वह बॉडी दान करते, तब तक वह खराब हो चुकी थी।

5) दूल्‍हे को लाइन में लगना पड़ा 
राजस्‍थान के जोधपुर में एक दूल्‍हा बैंक के बाहर लाइन में लगा दिखा। दूल्‍हें प्रतापसिंह का कहना था कि जेब में पुराने नोट होने के कारण शादी की तैयारियां पूरी तरह से गड़बड़ा गई। ऐसे में खुद सुबह जल्दी उठकर उसे लाइन में खड़ा होना पड़ा। मेरे अलावा परिवार के 3 और लोग लाइन में लगे। लोगों को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने प्रतापसिंह को बुलाकर सबसे आगे खड़ा कर दिया।

6) सदमे से महिला की मौत
यूपी के कप्तानगंज इलाके की रहने वाली राम प्रसाद की पत्नी तीर्थराजी देवी मजदूरी करती थी, जबकि उसका पति लोगों के कपड़े धाेकर घर चलाता है। 9 नवंबर को वह अपनी बचत के एक-एक हजार के चार नोट लेकर सेंट्रल बैंक में जमा करने आई थी। उसे नहीं मालूम था कि आधी रात के बाद से ही 500 और 1000 के नोट पर सरकार ने बैन लगा दिया है। यह सुनकर उसकी सदमे से ही माैत हाे गई।

7) सड़क किनारे डरी बैठी रही
बिहार के छपरा जिले में 14 नवंबर को मांझी स्थित स्टेट बैंक ब्रांच में नोट बदलने के लिए लाइन में लगे लोगों के बीच अचानक धक्का-मुक्की होने लगी, जिसमें महिला गायत्री देवी का सिर दीवार से टकरा गया और खून निकलने लगा। घटना के बाद वह डर से घंटों सड़क किनारे बैठी रही।
 

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