Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 06:37 PM
नई व्यवस्था के तहत सदस्यों को अब अपने यूएएन नंबर से आधार को लिंक करना होगा
नई दिल्लीः कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफओ ने पीएफ ट्रांसफर के नियमों में बदलाव किया है। नई व्यवस्था के तहत सदस्यों को अब अपने यूएएन नंबर से आधार को लिंक करना होगा। इसके बिना पीएफ ट्रांसफर संभव नहीं होगा। वहीं यदि आपका यूएएन और आधार आपस में लिंक हैं तो महज पांच दिन में पीएफ ट्रांसफर हो जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, आमतौर पर कर्मचारियों की शिकायत रहती है कि पीएफ क्लेम में कई महीने तक लग जाते हैं। अब आधार से लिंकिंग के बाद चंद दिन में यह काम हो जाएगा। आमतौर पर नौकरी बदलने पर पीएफ ट्रांसफर की जरूरत पैदा होती है।
ऐसे जानें अपना EPFO बैलेंस
www.epfindia.com पर लॉगिन करें। फिर Our Services कॉलम में For Employee में जाएं। Services कॉलम में Know Your EPF Balance पर क्लिक करें। उस राज्य को सलेक्ट करें, जहां आपका ऑफिस रजिस्टर्ड है। अपने पीएफ रिजनल ऑफिस पर क्लिक करें। अगले चरण में अपना नाम, मोबाइल नंबर और पीएफ खाते की संख्या दर्ज कर सबमिट करें। पांच मिनट के अंदर आपको मैसेज आएगा, जिसमें ईपीएफओ बैलेंस होगा।
EPFO अकाउंट से आधार को इस तरह करें लिंक
- EPFO वेबसाइट - http://www.epfindia.com/site_en/ पर जाएं।
- अपने UAN नंबर और पासवर्ड से लॉगिन करें। लॉगिन के लिए UAN अनिवार्य है।
- जो पेज खुलेगा उसमें सबसे ऊपर Manage टैब देखें। वहां ड्रॉप-डाउन मेनू से KYC ऑप्शन चुनें।
- यहां सभी जानकारी अपडेट की जा सकती है। आधार लिंक करने के लिए आधार वाले विकल्प पर क्लिक करें।
- जो विंडो खुलेगी, उसमें आधार संख्या और आधार कार्ड पर दर्ज नाम लिखें। सेव पर क्लिक करते ही जानकारी अपडेट हो जाएगी।
- KYC टैब पर क्लिक करते ही एक ऑनलाइन फॉर्म खुलेगा, जहां बैंक डिटेल्स, पैन डिटेल्स, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, इलेक्शन कार्ड, राशन कार्ड अपडेट करने का विकल्प होगा।
बड़े काम का होता है EPFO
मकान खरीदने के लिए पीएफ खाते में जमा राशि का 90 प्रतिशत हिस्सा निकाला जा सकता है। हालांकि इसके लिए जरूरी है कि अंशधारक ने कम-से-कम तीन साल कोष में योगदान किया हो। यह सुविधा एक बार ही मिलती है। इस राशि से डाउन पेमेंट और ईएमआई का भुगतान किया जा सकता है। हाल ही में किए गए नए प्रावधानों में अंशधारक कम-से-कम 10 सदस्यों वाली सहकारी या हाउसिंग सोसाइटी के सदस्य के रूप में मकान या फ्लैट खरीदने अथवा मकान बनवाने और जगह खरीदने के लिए इस फंड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बीमारी में इलाज - बीमारी के इलाज के लिए ईपीएफ से राशि निकाली जा सकती है। दिव्यांग सदस्य उपबंध 68-एन के तहत जरूरी उपकरण खरीदने के लिए राशि निकाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें चिकित्सा प्रमाणपत्र या ईपीएफओ द्वारा अधिकृत अधिकारी से प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इस राशि को रिफंड करने की जरूरत भी नहीं होगी।
बच्चों की शादी-पढ़ाई - बच्चों की शादी या शिक्षा के लिए भी पीएफ की राशि का उपयोग किया जा सकता है। इस सुविधा का इस्तेमाल तीन बार किया जा सकता है। शर्त यह है कि सदस्य को नौकरी करते हुए कम से कम 7 वर्ष हो गए हों।
जीवन बीमा - इम्प्लाई डिपॉजिट लिंक्ड इन्श्योरेंस (ईडीएलआई) स्कीम के तहत सदस्यों को जीवन बीमा कवर मिलता है। अगर किसी सदस्य का निधन हो जाता है तो नॉमिनी को जीवन बीमा कवर के तौर पर 6 लाख रुपए तक मिलेंगे। हाल ही में इस योजना के तहत न्यूनतम 2.5 लाख रुपए का सुनिश्चित जीवन बीमा लाभ देने की सरकार से सिफारिश की गई है।
रिटायरमेंट का सहारा - पीएफ के उन अंशधारकों को, जो 20 साल या इससे अधिक समय तक अंशदान करते रहे हैं, रिटायरमेंट के वक्त 50 हजार रुपए की अतिरिक्त रकम मिलेगी। यदि अंशधारक आजीवन अक्षमता का शिकार हो गया है, लेकिन उसने 20 साल से कम समय तक ईपीएफओ में योगदान दिया हो, तो उसे भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा।