अब पिहोवा के साफ-सुथरे सरोवर में होगी पूर्वजों की ‘गति’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 08:00 AM

pihovas clean pond

हिंदू मान्यता के अनुसार कुरूक्षेत्र में पिहोवा एक ऐसी जगह है जहां मरने के बाद आदमी की गति करवाने के लिए पारिवारिक सदस्यों को जाना पड़ता है लेकिन इस मुक्ति धाम की हालत देखकर पहले से ही दुखी इंसान और दुखी हो जाता है। वजह, वहां के गंदे सरोवर के पास...

लुधियाना (धीमान): हिंदू मान्यता के अनुसार कुरूक्षेत्र में पिहोवा एक ऐसी जगह है जहां मरने के बाद आदमी की गति करवाने के लिए पारिवारिक सदस्यों को जाना पड़ता है लेकिन इस मुक्ति धाम की हालत देखकर पहले से ही दुखी इंसान और दुखी हो जाता है। वजह, वहां के गंदे सरोवर के पास पूजा करने के लिए जैसे ही कोई इंसान जाता है उसके पास बैठना भी उनके लिए मुश्किल है लेकिन पूर्वजों की गति करवाने या पिंड दान के लिए यही एक जगह है जहां पारिवारिक सदस्यों को मजबूरन जाना पड़ता है और बदबूदार पानी में गति करवानी पड़ती है। इसे लेकर लोगों की आस्था को भी ठेस पहुंच रही है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।


लुधियाना के उद्यमियों ने मिलकर पिहोवा के सरस्वती सरोवर को साफ-सुथरा करने की जिम्मेदारी उठाई है। इसके लिए लुधियाना मां सरस्वती विकास ट्रस्ट का गठन किया है। यह ट्रस्ट ईस्टमैन इम्पैक्स के चेयरमैन जगदीप सिंघल के नेतृत्व में काम करेगा। इन्हें ट्रस्ट का चेयरमैन बनाया गया है। इनके साथ टीम में मनोज तिवारी सैक्रेटरी के पद पर है और अविनाश वर्मा व दीपक शर्मा मुख्य रूप से भूमिका निभाएंगे।


इस संबंधी हरियाणा सरकार ने ट्रस्ट को सरोवर की साफ -सफाई और देखरेख का जिम्मा दे दिया है। इस काम में हरियाणा सरकार कोई योगदान नहीं देगी बल्कि ट्रस्ट अपने स्तर पर इस प्रोजैक्ट को पूरा करेगा। ट्रस्ट ने पहले चरण में महिला स्नान घाट में मिट्टी डालने का काम शुरू कर दिया है। इसी के साथ ही सरोवर की सफाई का काम भी जोरों पर शुरू हो रहा है।


चेयरमैन जगदीप सिंघल ने बताया कि पानी की निकासी न होने से तालाब का पानी गंदा हो जाता है। अब ट्रस्ट करीब 4 करोड़ की लागत से इस सरोवर को साफ-सुथरा करेगा और भविष्य में गंदा न हो उसके लिए भी योजना तैयार कर ली गई है। सरोवर के नीचे सुंदर पत्थर लगाया जाएगा।


यह है इतनी बड़ी जिम्मेदारी लेने का कारण 
ट्रस्ट के अविनाश वर्मा ने कहा कि 12 साल पहले उनके पिता का देहांत हो गया था। उस वक्त पंडितों ने मुझे सरोवर में नहाने के लिए कहा। न चाहते हुए भी मुझे मजबूरन नहाना पड़ा। लेकिन उसी दिन से सोच लिया था कि इस सरोवर को साफ-सुथरा करने के लिए कदम उठाएंगे। दोस्तों की एक टीम तैयार की गई जिसमें मुख्य भूमिका मनोज तिवारी की रही। फिर जगदीप सिंघल के नेतृत्व में ट्रस्ट का गठन किया गया। इस तरह लोग जुड़ते गए और साफ -सफाई का काम शुरू हो गया।


कहां से आएगा पानी और कहां जाएगा 
चेयरमैन जगदीप सिंघल ने बताया कि 1370 फीट लंबे और 130 फीट चौड़े व 8 फीट गहरे सरोवर में पानी भाखड़ा से आएगा। इसके लिए हरियाणा सरकार ने करीब 15 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन डाल दी है। जहां से पानी सरोवर में आएगा वहां एक गेट लगाया जाएगा। इसके बाद जहां से पानी की निकासी होगी, वहां एक स्कैनर लगा होगा जो हार्ड वेस्ट को अलग करके पानी को आगे छोड़ेगा। इस पानी का इस्तेमाल किसान खेतों के लिए भी कर सकते हैं।


सरोवर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मटीरियल लगाया जा रहा है। पानी की वजह से ही सरोवर के आसपास बदबू रहती है। इसके लिए वहां के पंडितों ने भी सहयोग करने का भरोसा दिया है।

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