Edited By ,Updated: 20 Feb, 2017 06:05 PM
सदन में हंगामे के बीच मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने शनिवार को राज्य विधानसभा में विश्वास मत तो हासिल किया लेकिन उनका भाग्य अभी भी राज्यपाल सी. विद्यासागर राव के हाथों में ही अटका है।
चेन्नई : सदन में हंगामे के बीच मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने शनिवार को राज्य विधानसभा में विश्वास मत तो हासिल किया लेकिन उनका भाग्य अभी भी राज्यपाल सी. विद्यासागर राव के हाथों में ही अटका है। मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में हासिल किए गए विश्वास मत को स्वीकार या अस्वीकार करना उन्हीं के हाथों में है। इसका कारण यह है कि जब विधानसभा में वोटिंग हुई उस समय विपक्ष बिलकुल भी उपस्थित नहीं था। इससे पहले विधानसभा में जमकर हंगामा भी हुआ। किसी भी परिणाम तक पहुंचने से पहले राज्यपाल इन सभी बिन्दुओं पर विचार कर सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार राज्यपाल मुंबई रवाना होने वाले थे लेकिन विधानसभा में शनिवार को हुए हंगामेे के कारण उन्होंने अपनी यात्रा स्थगित कर दी। विधानसभा सचिवालय ने उन्हें विश्वास मत प्रस्ताव के नतीजों की रिपोर्ट भेजी है। राज्यपाल किसी भी फैसले को अंतिम रूप देने से पहले विधि विशेषज्ञों से सलाह मशविरा कर रहे हैं। जानकारों का यह भी मानना है कि राज्यपाल के पास विधानसभा प्रस्तावों को ओके करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
पलनीस्वामी को समर्थन पर विधायक को मिल रही धमकियां
एआईएडीएमके के एक विधायक ने आरोप लगाया कि ई.के. पलनीस्वामी सरकार के समर्थन में शनिवार को विधानसभा में वोट करने पर उनको फोन पर धमकियां मिल रही हैं। अम्मान के. अर्जुनन ने बताया कि उन्हें और उनकी पत्नी को कुछ लोग फोन पर धमकियां दे रहे हैं और अश्लील भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने मिल रही धमकियों को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।