शशिकला ने पीएम से की जल्लीकट्टू पर लगे प्रतिबंध हटाने की मांग

Edited By ,Updated: 11 Jan, 2017 05:06 PM

pm demands to lift the ban on jallikattu shashikala

एआईडीएमके की महासचिव वीके शशिकला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी  लिखकर जल्लीकट्टू मसले पर हस्तक्षेप करने की मांग की है।

नई दिल्ली : एआईडीएमके की महासचिव वीके शशिकला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी  लिखकर जल्लीकट्टू मसले पर हस्तक्षेप करने की मांग की है। शशिकला ने मोदी को लिखी गई चिट्ठी  में यह अनुरोध किया है कि वे तमिलनाडु की संस्कृति और परंपरा को बनाए रखने के लिए पीसीए अधिनियम में संशोधन करवाएं ताकि जल्लीकट्टू पर लगा प्रतिबंध हट सके। शशिकला ने मोदी को पत्र लिखकर कहा कि पशुओं के साथ किसी तरह की क्रूरता नहीं की जाती। तमिलनाडु में देवता मानकर सांड की पूजा की जाती है और उनको काबू में करने का प्रयास करने वाले युवा इस बात का ख्याल रखते हैं कि उनको किसी तरह का दर्द ना हो। उन्होंने कहा कि जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध से तमिलनाडु के लोगों में रोष बढ़ा है और खासकर युवाओं में। इसे खत्म करने के लिए सभी तरह के प्रयास किए जाने चाहिए।

क्या है जल्लीकट्टू
तमिलनाडु में मकर संक्रांति का पर्व पोंगल के रूप में मनाया जाता है। पोंगल के मौके पर एक खास बैल दौड़ का आयोजन किया जाता है। पोंगल के त्योहार में मुख्य रूप से बैल की पूजा की जाती है क्योंकि बैल के माध्यम से किसान अपनी जमीन जोतता है। इसी के चलते बैल दौड़ का आयोजन किया जाता है. इस समारोह को जल्लीकट्टू प्रथा नाम से जानते हैं।

आंकड़ों के अनुसार 2010 से 2014 के बीच जल्लीकट्टू खेलते हुए 17 लोगों की जान गई थी और 1,100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। वहीं पिछले 20 सालों में जल्लीकट्टू की वजह से मरने वालों की संख्या 200 से भी ज्यादा थी। इस वजह से साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ क्रूअलटी टू एनिमल एक्ट के तहत इस खेल को बैन कर दिया था।

 

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