Edited By ,Updated: 04 May, 2016 02:30 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एजुकेशनल डिग्रियों पर उठे विवाद के बाद हालांकि गुजरात यूनिवर्सिटी ने उनके एम.ए पोलिटिकल साइंस की डिग्री जारी की थी लेकिन सेंट्रल इन्फर्मेशन कमिशन के आदेश को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने नाखुशी जाहिर की है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एजुकेशनल डिग्रियों पर उठे विवाद के बाद हालांकि गुजरात यूनिवर्सिटी ने उनके एम.ए पोलिटिकल साइंस की डिग्री जारी की थी लेकिन सेंट्रल इन्फर्मेशन कमिशन के आदेश को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने नाखुशी जाहिर की है। सूत्रों के अनुसार पी.एम.ओ. खुद प्रधानमंत्री साहिब की डिग्रियां सार्वजनिक करने वाला था।
सूचना आयुक्त एम. श्रीधर अचर्यालु ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दलील को RTI आवेदन के तौर पर स्वीकार कर यह आदेश दिया था। हालांकि यह मामला प्रधानमंत्री मोदी की एजुकेशनल डिग्री से जुड़ा हुआ नहीं था। दिल्ली के मुख्यमंत्री के मतदाता पहचान पत्र से जुड़े RTI केस में केजरीवाल ने दलील दी कि CIC खुद तो उनकी जानकारी सार्वजनिक करना चाहता है लेकिन मोदी की डिग्री से जुड़ी सूचना को सार्वजनिक करने में कथित तौर पर बाधा डाल रहा है।
एम. श्रीधर ने इसी चिट्ठी को RTI आवेदन मानते हुए मोदी की डिग्री सार्वजनिक करने का आदेश दिया। प्रधानमंत्री ने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से B.A. और गुजरात यूनिवर्सिटी से 1983 में M.A. किया था। प्रधानमंत्री ने अपने चुनावी हलफनामे में इनका जिक्र भी किया है। गौरतलब है कि PMO से संबंधित अपील या शिकायत के RTI मामले केवल मुख्य सूचना आयुक्त के समक्ष ही लाए जा सकते हैं।