डिप्रेशन से पेट्रोल तक, जानिए PM के #Mann ki Baat की 10 बड़ी बातें

Edited By ,Updated: 26 Mar, 2017 01:55 PM

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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में मिली भारी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश की जनता को मन की बात के जरिए संबोधित किया। बता दें कि पीएम के मन की बात का यह 30वां संस्करण था।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में मिली भारी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश की जनता को मन की बात के जरिए संबोधित किया। बता दें कि पीएम के मन की बात का यह 30वां संस्करण था। पीएम ने कार्यक्रम की शुरुआत में पड़ोसी देश बांग्लादेश को आजादी दिवस पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि दोनों देश अच्छे मित्र हैं। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि रवीन्द्रनाथ टैगोर, उनकी यादें, हमारी एक साझी विरासत हैं। पीएम ने इसके साथ ही अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को भी श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने कहा, इन तीनों युवकों से ब्रिटिश सरकार डरती थी इसलिए तो 24 मार्च की जगह तीनों को एक दिन पहले 23 मार्च को ही फांसी दे दी गई। पीएम ने कहा कि ये तीनों सेनानी देश के लिए जिए और देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। पीएम ने देश के युवाओं से अनुरोध किया,'जब भी समय मिले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की समाधि पर जरूर जाएं, और उनके जीवन से प्रेरणा लें।'

मोदी के मन की बात की 10 खास बातें
-सवा सौ करोड़ लोगों के संकल्प से ही पूरा होगा न्यूू इंडिया का सपना। न्यू इंडिया एक अभियान नहीं बल्कि देश को बदलने का सपना है जो देश की आबादी का संकल्प है।

-कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया है जिससे औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाली करीब 18 लाख महिलाआें को इसका फायदा मिलेग।

-दुनिया में काफी लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं। इसे दबाए नहीं बल्कि व्यक्त करें। अपने साथियों,मित्रों, मां-बाप, भाइयों, शिक्षक के साथ खुल इस पर बात करें कि आपको क्या हो रहा है । कभी-कभी अकेलापन खास कर के हॉस्टल में रहने वाले बच्चों को तकलीफ ज्यादा हो जाती है। इसलिए अपनी बात शेयर करें।

-7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस है। संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक सबको स्वास्थ्य का लक्ष्य तय किया है। इस बार संयुक्त राष्ट्र ने 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर ‘अवसाद’ विषय पर फोकस किया है।

-हम जरूरत से ज्यादा चीजें प्लेट में ले लेते हैं और फिर जूठन छोड़ देते हैं। हमने कभी सोचा है कि अगर जूठन न छोड़ें तो कितने गरीबों का पेट भरा जा सकता है।

-अगर हर नागरिक संकल्प करे कि मैं ट्रैफिक नियमों का पालन करूं, अगर हर नागरिक संकल्प करे कि मैं मेरी ज़िम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी के साथ निभाऊंगा, अगर हर नागरिक संकल्प करे कि सप्ताह में एक दिन मैं पेट्रोल-डीजल का उपयोग नहीं करूंगा, तो देखिए 'न्यू इंडिया' का सपना कैसे साकार होता है।

-काले धन के खिलाफ लड़ाई आगे बढ़ाने के लिए देशवासी एक वर्ष में 2500 करोड़ डिजिटल लेन-देन करने का संकल्प कर सकते हैं क्या? इससे आप देश की सेवा करते हुए काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के एक वीर सैनिक बन सकते हैं।

-देशवासियों के मन में गंदगी के प्रति गुस्सा हो, जब गुस्सा होगा तब हम गंदगी के खिलाफ़ कदम उठाएंगे। स्वच्छता आंदोलन से ज्यादा आदत से जुड़ी हुई होती है. ये आदत बदलने का आंदोलन है। काम कठिन है लेकिन करना जरूरी है।

-21 जून को अतंर्राष्ट्रीय योग दिवस का तीसरा वर्ष होगा, आप अभी से तैयारी कीजिए और लाखों की तादाद में सामूहिक योग उत्सव मनाइए। आपके मन में इस योग दिवस के संबंध में कोई सुझाव हों, तो 'नमो ऐप' के माध्यम से अपने सुझाव मुझे जरूर भेजें।'

-हम चंपारण सत्याग्रह की 100वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। 1917 में भारत लौटने पर महात्म गांधी चंपारण गए थे। वहां से सत्याग्रह की प्रेरणा मिली। यह चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष है। सार्वजनिक जीवन की शुरुआत कैसे की जा सकती है, ख़ुद कितना परिश्रम करना होता है यह हम गांधीजी से सीख सकते हैं।'

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