Edited By ,Updated: 17 Nov, 2016 02:12 PM
1000 और 500 रुपए पुराने नोटों पर प्रतिबंध के बाद इन्हें बदलवाने और जमा कराने के लिए उमड़ी लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के जवान बिना किसी अवकाश के 14-14 घंटे और जरूरत पडऩे पर उससे भी ज्यादा ड्यूटी कर रहे हैं।
नई दिल्ली: 1000 और 500 रुपए पुराने नोटों पर प्रतिबंध के बाद इन्हें बदलवाने और जमा कराने के लिए उमड़ी लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के जवान बिना किसी अवकाश के 14-14 घंटे और जरूरत पडऩे पर उससे भी ज्यादा ड्यूटी कर रहे हैं। दिल्ली में भारतीय स्टेट बैंक की एक शाखा पर ड्यूटी पर खड़े भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के एक जवान ने बताया कि उनकी आजकल उनकी ड्यूटी सुबह आठ बजे शुरू होती है और रात के साढ़े नौ बजे तक रहती है। उन्होंने बताया कि लोगों की लाइन बैंक खुलने से बहुत पहले लग जाती है। इसलिए उनकी ड्यूटी भी काफी पहले लगती है।
अवकाश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पुरानों नोटों पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद से उन्हें कोई अवकाश नहीं मिला है। गुरुनानक जयंती के मौके पर 14 नवंबर को भी राष्ट्रपति का एक कार्यक्रम होने के कारण उनकी ड्यूटी लगी थी। आईटीबीपी जवान ने बताया कि उन्होंने अब तक अपने नोट नहीं बदलवाए हैं। उनका कहना है कि अभी उनके पास चार-पांच सौ रुपए खुले पड़े हैं जिससे उनका काम चल रहा है।
एटीएम से पैसे निकालने की लाइन में खड़े दिल्ली पुलिस के एक जवान ने बताया कि पहले बैंक के बाहर ड्यूटी देने के बाद अब वह पैसे निकालने आए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि वर्दी में होने और बैंक पर ड्यूटी लगने का कम से कम इतना फायदा है कि बैंक परिसर के अंदर घुसने के लिए उन्हें कतार में खड़े होने की जहमत नहीं उठानी पड़ी। उन्होंने कहा कि बिना वर्दी के तो वह इतनी लंबी लाइन में खड़े होने की सोच भी नहीं सकते।