पुलिस की आतंकियों से अपील: आतंक का रास्ता छोड़ो, सरकार करेगी मदद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Sep, 2017 08:33 PM

police appealed militants to shun the path og violence

कश्मीर घाटी के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने आज युवाओं जो आतंकवाद में शामिल हो गए हैं से हिंसा को छोडऩे की अपील करते हुए आश्वासन दिया कि आत्मसमर्पण से उनकी सुरक्षा और पुनर्वास के लिए पूर्ण समर्थन सुनिश्चित होगी।

श्रीनगर : कश्मीर घाटी के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने आज युवाओं जो आतंकवाद में शामिल हो गए हैं से हिंसा को छोडऩे की अपील करते हुए आश्वासन दिया कि आत्मसमर्पण से उनकी सुरक्षा और पुनर्वास के लिए पूर्ण समर्थन सुनिश्चित होगी।  साथ ही यदि आतंकी आतंक का रास्ता छोड़ देंगे तो सरकार उनकी मदद करेगी।
यह अपील कश्मीर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक (आई.जी.पी.) मुनार खान, जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जी.ओ.सी.) विक्टर फोर्स मेजर जनरल बी.एस. राजु और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) के महानिरीक्षक (आई.जी.) जुल्फिकार हसन ने आज पुलिस कंट्रोल रुम में संयुक्त पत्रकार वार्ता के दौरान की। शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की यह अपील शोपियां में कल रात आतंकी द्वारा आत्मर्पण और कुलगाम में आज आतंकियों के ओ.जी.डब्लु की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में हुई हैं।


मुनीर खान ने कहा कि शोपियां और कुलगाम में बहुत अच्छे परिणाम-उन्मुख अभियानों को अंजाम दिया गया। इस बार अभियान थोड़ा अलग थे। शोपियां में,  आदिल सोफी नामक आतंकी जो तीन महीने पहले आतंकवाद में शामिल हो गया था मुठभेड़ के दौरान गोलीबारी कर रहा था। वह सुरक्षाबलों पर गोलीबारी कर रहा था। उसने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड से हमला किया पर किसी तरह उसने संतुलन खो दिया और उसके बाद गोलीबारी नहीं कर पाया। उसको सुरक्षाबलों ने मार गिराया होता, वहां कोई दूसरा रास्ता नहीं था लेकिन हमने उसको मुख्यधारा में आने के लिए मौका देना ठीक समझा। उसको मार गिराने के वजाय सुरक्षाबलों ने उसको फिर से उसके परिजनों के साथ मिलाया। इसलिए हमने उसको जिन्दा पकडऩे का विकल्प चुना। इस स्पष्ट संदेश के साथ कि जो भी इस में फंस गए हैं यदि वह आते हैं हम उनको खुली बाहों से रिसीव करेंगे। यह जरुरी नहीं है कि मुठभेड़ के दौरान, यहां तक कि वह अब आ सकते हैं और मुख्यधारा में शामिल हो सकते हैं।


आई.जी. पुलिस ने कहा कि उस मुठभेड़ में मारे गए दो अन्य आतंकियों को भी मनाने की कोशिश की गई लेकिन उन्होने हारी हुई लड़ाई को चुना और सुरक्षाबलों पर लगातार गोलीबारी  की। उन्होंने कहा कि कुलगाम जिला के खुदवानी इलाके में आज का अभियान भी स्वच्छ और तीव्र अभियान था जिसके दौरान ओ.जी.डब्लु को मारा नहीं गया बल्कि मुख्यधारा में वापस आने का मौका दिया गया। आरिफ नामक ओ.जी.डब्लु के पास हथियार नहीं था, इसलिए हमने उसको नहीं मार गिराया। यदि उसको मारा गया होता तो कोई ऊंगली या सवाल नहीं उठाता क्योंकि वह आतंकियों के साथ था और ऐसा पहली नहीं हुआ कि वह आतंकियों के लिए रसद का इंतजाम कर रहा था। वह एक अभ्यस्त और स्थापित ओ.जी.डब्लु था लेकिन कोई हथियार नहीं था और हमने उसको नहीं मार गिराया। अनुशासित बल और आतंकी के बीच फर्क हैं। यह आतंकवादी हमारे लोगों को मारते हैं जब हमारे जवान घरों मे छुट्टी पर होते है या उनके परिजनों से मिलने जाते हैं। वह गोली मारते हैं, वह मारते हैं लेकिन यह फर्क हैं।


पकड़े गए आतंकी मीडिया के सामने पेश
पकड़े गए दोनो आतंकियों को मीडिया के सामने पेश करते हुए आई.जी.पुलिस ने कहा कि इस तरह के मामलों से निपटनेके लिए एक स्पष्ट नीति हैं। किसी भी आतंकी जिसे हम गिरफ्तार करते हैं या जो आत्समर्पण करता है, यदि वह जघन्य अपराधों में शामिल नही होता हैं, हम उसका पुनर्वास करते हैं और उसको मुख्यधारा में लाने में मदद करते हैं। साथ ही सरकार आतंकवाद को छोडऩे वाले स्थानीय युवाओं के पुनर्वास के लिए बहुत इच्छुक हैं।
नियंत्रण रेखा (एल.ओ.सी) पर विदेशी आतंकियों को दूर रखने में घुसपैठ को रोकने के लिए सेना की सराहना करते हुए खान ने कहा कि सुरक्षाबलों द्वारा युवाओं की भर्ती को रोकने के लिए आतंकी नेतृत्व को निशाना बनाया जा रहा है।
इस दौरान सी.आर.पी.एफ . के आईजी जुल्फिकार हसन ने कहा कि उनकी गिरफ्त में आया आतंकी आदिल को मारा भी जा सकता था लेकिन उसे जीने का एक मौका दिया है ताकि वो समाज की मुख्यधारा में आकर आम नागरिक की तरह अपनी जिंदगी की शुरुआत कर सके। इसलिए मारने की बजाय हमने उसे जिंदा ही पकड़ा है।

आतंकियों के लिए खुला सन्देश
आईजी ने आगे कहा कि सरकार की तरफ से ये उन आतंकियों के लिए खुला संदेश है जो अभी भी आमजन की तरह जीना चाहते हैं अगर वे आतंक के रास्ते को छोडऩा चाहते हैं तो उनके लिए अपनी जिंदगी को फिर से आम आदमी की तरह जीने का ये सुनहरा अवसर है। हसन ने आगे घाटी के लोगों को लेकर कहा कि सरकार उनके भविष्य को लेकर सचेत है और उन्हें पूरी तरह से सुरक्षा मुहैया कराने के मूड में है। आईजी ने अपील कर आगे कहा कि हरेक को उन लोगों से दूर रहना चाहिए जो आपको देश के खिलाफ भटका और भडक़ा रहे हैं।

पहले भी की जा चुकी है आतंकियों से बात
वहीं, सेना के शीर्ष अधिकारी बी.एस. राजु ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा जा रहा हैं। इस साल 17 मार्च को पहली ऐसी घटना हुई। पुलवामा जिला के पदगामपुरा इलाके में अभियान के दौरान हमने मोहम्मद शफी को उसकी पत्नी से बात कराई। विदेशी आतंकी होने के बावजूद अबु दुजाने के मामले में हमारे एक कंपनी कमांडर ने उसके साथ बात की लेकिन उसने बात नहीं मानी। आज हम बेहद खुश हैं कि व्यक्ति मान गया और हिंसा के रास्ते को छोड़ दिया। आतंकियों को हिंसा छोडऩे और आत्समर्पण करने की अपील करते हुए राजु ने कहा कि हिंसा से सिर्फ विनाश और दुख मिलता है। मैं आतंकियों के पिता, माता, बहन, भाई को देखता हूं, जिनके बच्चे आतंकवाद में शामिल हो गए या शामिल होने जा रहे हैं, मेरी सभी से यही अपील है कि इनको हिंसा का रास्ता अपनाने की इजाजत नही दी जाए। हम यह भी अपील करते हैं कि यदि कोई आत्मसमर्पण करना चाहते हैं हम उसकी सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे। यह आश्वासन हम सभी सुरक्षा एजेंसियों की ओर से दे रहे हैं और आदिल एक जीवित उदाहरण हैं।


सैन्य कमांडर ने कहा कि दक्षिण कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के कैडर का प्रवाह सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय था क्योंकि वह आमतौर पर फिदायीन हमले को अंजाम देते हैं। यह सच है कि दक्षिण कश्मीर में जैश कैडर का प्रवाह हैं, लेकिन इस तरह की गतिविधि की जांच करने को सुनिश्चित करने के लिए हमारे पास तरीकें हैं।

 

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