दक्षिण कश्मीर में राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांगी सुरक्षा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Nov, 2017 07:02 PM

political activist demanded security in kashmir

सत्तारुढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) और भाजपा सहित मुख्यधारा वाली राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने सरकार और पुलिस से सुरक्षा की मांग की है क्योंकि कार्यकर्ताओं की हत्याओं सहित लगातार आतंकी हमलों के बीच उनको आतंकियों से डर महसूस हो...

श्रीनगर : सत्तारुढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) और भाजपा सहित मुख्यधारा वाली राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने सरकार और पुलिस से सुरक्षा की मांग की है क्योंकि कार्यकर्ताओं की हत्याओं सहित लगातार आतंकी हमलों के बीच उनको आतंकियों से डर महसूस हो रहा है। राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि उनको घरों से बाहर निकलने में डर लग रहा है और वह उनके जीवन की रक्षा के लिए घरों के अंदर बैठना पसंद कर रहे हैं। एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने कहा कि आज दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद चरम पर है। हम बाहर नहीं जा सकते। हम परेशान हैं क्योंकि हमें घरों के अंदर बैठना पड़ रहा है। हम कहीं नहीं जाते हैं और यह एक प्रमुख मुद्दा है कि सरकार हमें कोई सुरक्षा नहीं दे रही है और कोई भी पार्टी सहयोग तक नहीं दे रही है।


दक्षिण कश्मीर में भाजपा के एक कार्यकर्ता ने कहा कि यहां तक कि उनकी पार्टी भी कोई मदद नहीं कर रही है। मैं सरकार और पार्टी से हमें सुरक्षा देने का अनुरोध करता हूंं और कम से कम कुछ मदद करें ताकि हम यहां रह सकें और हम सुरक्षित रहें तथा हमारे बच्चे भी सुरक्षित रहें। हाल ही में संदग्धि आतंकियों ने शोपियां जिला में युवा भाजपा मोर्चा के जिला अध्यक्ष की हत्या कर दी। उससे पहले शोपियां में पी.डी.पी. कार्यकर्ता की उसके घर में हत्या कर दी गई। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हुए ताजा वीडियो में आतंकियों द्वारा शोपियां जिला के वथु इलाके में कांग्रेस कार्यकर्ता को नंगा करके पीटा जा रहा है। वीडियो ने राजनीतिक कार्यकर्ताओं में ताजा डर पैदा कर दिया। वीडियो में आतंकियों द्वारा बंदूक की नोक पर कांग्रेस कार्यकर्ता को मुख्यधारा राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने की धमकी दी जा रही है।

कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों पर भारी आतंकी
पुलवामा में भाजपा के महासचिव गुलजार अहमद का कहना है कि दक्षिण कश्मीर राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए बेहद खतरनाक है। मैं भाजपा में 1996 में शामिल हुआ और उस समय शोपियां-पुलवामा एक जिला था। यदि हम कश्मीर रेंज की बात करें तो दक्षिण कश्मीर खतरनाक है और पूरा आतंकवाद यहां पर है। हाल ही में हमारे जिला युवा मोर्चा अध्यक्ष को शहीद किया गया क्योंकि उसके पास कोई सुरक्षा नहीं थी।
उनका कहना है कि उन्होंने कम से कम 50 बार सुरक्षा के लिए मांग की। यहां तक कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी.) से भी अनुरोध किया। लेकिन उनको मरने तक सुरक्षा प्रदान नहीं की गई थी। मैंने डी.जी.पी. और आई.जी.पी. से अनुरोध किया कि पी.एस.ओ. से मदद नहीं मिलेगी और सभी सक्रिय नेताओं को उनके आवासों में सुरक्षा पोस्ट प्रदान किया जाना चाहिए। चाहे वह कुलगाम, शोपियां, अनंतनाग, पुलवामा या श्रीनगर हो ताकि वह शांतिपूर्ण ढंग से रह सकें। उनको आवासीय गार्ड दिए जाने चाहिए। पी.एस.ओ. कुछ भी नहीं कर सकते हैं।

सीआरपीएफ ने बढ़ाई सुरक्षा
वहीं, सी.आर.पी.एफ. के महानिरीक्षक (आई.जी.) जुल्फिकार हसन ने पुलवामा में पत्रकारों को बताया कि वह संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की मौजूदगी को बढ़ाकर राजनीतिक कार्यकर्तओं पर हमलों को रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं। हम सतर्क है और इन क्षेत्रों में अधिक सुरक्षा की उपस्थिति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही दक्षिण कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है। इसलिए आतंकी खतरा महसूस कर रहे हैं।

 

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