Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Aug, 2017 11:15 PM
बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस में टूट की संभावना लगाई जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार बिहार कांग्रेस में बवाल मचना लगभग तय माना जा रहा है।
पटना: बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस में सियासी तनाव लगातार जारी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार बिहार कांग्रेस में बवाल मचना लगभग तय माना जा रहा है। पार्टी के 27 विधायक में से 13 या 18 विधायक जदयू के पाले में जा सकते हैं।
जानकारी के अनुसार बिहार सरकार ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के बंगले को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और बाकी वर्तमान मंत्रियों को सौंपने के आदेश जारी कर दिए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी के बंगले को अब तक उनसे वापिस नही लिया गया। सरकार की कांग्रेस पर दिखाई इस मेहरबानी को लेकर ही कांग्रेस विधायकों के जदयू में शामिल होने के कयासों में ओर तेजी आ गई है। इसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह और विधान पार्षद दिलीप चौधरी पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी कोे मिलने दिल्ली गए हुए हैं।
मीडिया के अनुसार सदानंद सिंह पार्टी के टूट की कगार पर पहुंचने के जिम्मेदार हैं। सदानंद सिंह और अशोक चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी हैं। दल बदल कानून से बचने के लिए पार्टी के 18 विधायकों का समर्थन जरुरी है जिसके लिए विधायक तैयारी में जुटे हैं। पार्टी की टूट की एक वजह राजद को भी कहा जा रहा है। कांग्रेस के कुछ विधायक रैली में ना बुलाने को लेकर राजद से नाराज है। इसी कारण वह जदयू में शामिल होने को तैयार हो चुकें हैं।