सियासत कोई नौकरी नहीं है जिसमें सेवानिवृत्ति की उम्र तय की जाए : लोकसभा अध्यक्ष

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 06:05 PM

politics is no job in which retirement age can be decided

चुनावी सियासत से नेताओं के संन्यास की उम्र मुकर्र किए जाने की बहस को सरासर बेमानी करार देते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज कहा ...

इंदौर: चुनावी सियासत से नेताओं के संन्यास की उम्र मुकर्र किए जाने की बहस को सरासर बेमानी करार देते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज कहा कि राजनीति कोई नौकरी नहीं है कि इसमें सेवानिवृत्ति की आयु तय की जाए। सुमित्रा का यह बयान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल में 19 अगस्त दिए इस स्पष्टीकरण के तीन दिन बाद आया है कि पार्टी में एेसा कोई नियम या परंपरा नहीं है कि 75 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा।

लोकसभा अध्यक्ष ने एक बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान किए गए सवाल पर कहा, सबसे पहले तो राजनीति को देखने का नजरिया ठीक किया जाना चाहिए। राजनीति स्वार्थपूर्ति का साधन नहीं, बल्कि देश और समाज की सेवा का जरिया है। राजनीति किसी को दी गई कोई नौकरी नहीं है, जिसमें कारिंदे को वेतन-भत्ते मिलते हों और उसकी सेवानिवृत्ति के लिए पहले से उम्र तय हों। उन्होंने कहा कि अगर किसी नेता के हाथ-पैर और दिमाग ठीक चल रहा है, तो चुनावी सियासत में उसकी उम्र के बंधन का कोई सवाल नहीं होना चाहिए।

ताई (बड़ी बहन) के नाम से मशहूर भाजपा नेता ने कहा, राजनीति का मतलब जनता की सेवा है और इस सेवा में उम्र का हिसाब नहीं लगाया जाना चाहिए। केवल उम्र के आधार पर यह घोषित नहीं किया जा सकता कि किसी व्यक्ति को सियासत में कब तक सक्रिय रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इसे बड़े विषय में अपने बूते कोई फैसला नहीं सुना रही हैं। लेकिन उनका मानना है कि चुनावी सियासत से संन्यास के बारे में संबंधित नेता को पहले खुद चिंतन करना चाहिए कि वह मतदाताओं की सेवा के लिए शारीरिक रूप से सक्षम है या नहीं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनावों में एक बार फिर इंदौर क्षेत्र से दावेदारी के लिए तैयार हैं, सुमित्रा ने जवाब दिया, मेरा मानना है कि मैं आज भी पूरी ताकत से काम कर रही हूं। मैं एक आम सांसद से ज्यादा काम कर रही हूं। लेकिन फिलहाल मैं नहीं बता सकती कि दो साल बाद मेरी शारीरिक स्थिति कैसी रहेगी। उन्होंने कहा, मैं दो साल बाद चुनाव के समय इस बारे में निर्णय करूंगी कि मैं मतदाताओं की अपेक्षाओं के मुताबिक सक्रिय रह सकूंगी या नहीं।

इंदौर लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 1989 से लगातार अजेय सुमित्रा महाजन ने वर्ष 2014 में 16वीं लोकसभा के चुनावों में इंदौर क्षेत्र से लगातार आठवीं जीत दर्ज की थी। इसके साथ ही, वह एक ही सीट और एक ही पार्टी के टिकट पर लगातार आठ बार लोकसभा पहुंचने वाली देश की पहली महिला सांसद बन गई थीं।  

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