Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Feb, 2018 08:19 PM
पूर्वाेत्तर भारत के ईसाई बहुल दो राज्यों नागालैंड और मेघालय में रविवार शाम चार बजे से चुनाव प्रचार थम गया। दोनों राज्यों में 27 फरवरी को मतदान होगा और मतों की गिनती तीन मार्च को होगी। इस चुनाव में अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी को बढ़त मिलती दिखाई...
शिलांग/कोहिमा : पूर्वाेत्तर भारत के ईसाई बहुल दो राज्यों नागालैंड और मेघालय में रविवार शाम चार बजे से चुनाव प्रचार थम गया। दोनों राज्यों में 27 फरवरी को मतदान होगा और मतों की गिनती तीन मार्च को होगी। इस चुनाव में अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी को बढ़त मिलती दिखाई नहीं दे रही है।
चुनाव प्रचार के दौरान हिंसक घटनाओं के साथ साथ पार्टियों के आक्रामक तेवर भी देखने को मिले। चुनाव अभियान के शुरुआती चरण में, मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस और नागालैंड में नागा पीपुल्स फ्रंट को पीछे हटना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी ने नागालैंड में नवगठित नेशनल डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी (एनडीपीपी) के साथ गठबंधन किया और मेघालय में नेशनलिस्ट पीपुल्स पार्टी के साथ तालमेल किया जो केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन का सहयोगी है।
भाजपा असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में सफलता हासिल करने के बाद पूर्वाेत्तर के राज्यों के बाकी हिस्सों में अपना प्रभाव कायम करने के प्रयास में है। उदाहरण के तौर पर भाजपा त्रिपुरा में माक्र्सवादी कयुनिस्ट पार्टी की प्रमुख विरोधी बनकर उभरी है। मेघालय और नागालैंड में, हालांकि, भाजपा को ‘ईसाई विरोधी’ होने के धार्मिक भेदभाव का सामना करना पड़ा।