दिल्ली में ऐसे घटेगा प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट ने दी एक्शन प्लान को मंजूरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Dec, 2017 03:46 PM

pollution in delhi  supreme court approves action plan

सुप्रीम कोर्ट में आज दिल्ली में वायु प्रदूषण के मामले पर सुनवाई हुई। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर रोकथाम के लिए विस्तृत एक्शन प्लान को कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने सीमेंट फैक्ट्रियों और लाइम फैक्ट्रियों में सरकार के कड़े नियमों के तहत पेट कोक...

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में आज दिल्ली में वायु प्रदूषण के मामले पर सुनवाई हुई। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर रोकथाम के लिए विस्तृत एक्शन प्लान को कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने सीमेंट फैक्ट्रियों और लाइम फैक्ट्रियों में सरकार के कड़े नियमों के तहत पेट कोक के इस्तेमाल की इजाजत दी है। अब जनवरी में डीजल और बीएस 6 गाड़ियों पर सुनवाई होगी। कोर्ट ने थर्मल पावर प्लांट में फरनेस आयल के इस्तेमाल की एक साल यानी 31 दिसंबर 2018 तक इस्तेमाल की इजाजत दी है। हाालंकि केंद्र ने थर्मल पावर प्लांट के लिए नार्म्स लागू करने के लिए सात साल 2022 तक का वक्त मांगा है।

उल्लेखनी है कि केंद्र ने पिछली सुनावई में कोर्ट से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में थर्मल पॉवर प्लांट और सीमेंट की फैक्ट्री में फर्रनेस आयल और पेटकोक के इस्तेमाल की इजाजत मांगी थी। कुंद्र ने इस पर कहा था कि थर्मल पॉवर प्लांट में फर्रनेस आयल के इस्तेमाल से बहुत ही कम मात्रा में प्रदूषण फ़ैलता है.केंद्र सरकार ने कहा कि पॉवर प्लांट को शुरू करने के लिए और बंद करने के लिए फर्रनेस आयल की जरूरत होती है। साथ केंद्र ने कहा था कि सीमेंट बनाने के लिए पेटकोक की जरूरत होती है। सरकार ने कहा कि पेटकोक को जलाया नहीं जाता बल्कि इसे सीमेंट में मिलाया जाता है इस लिए इसकी इजाजत दी जाए।

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