Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Aug, 2019 03:07 PM
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने पॉलीथिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। स्वतंत्रता दिवस के बाद 16 अगस्त से दक्षिणी दिल्ली के बाजारों से लेकर दुकानों और रेहड़ी-पटरी आदि पर पॉलीथिन के इस्तेमाल करने पर कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्लीः दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने पॉलीथिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। स्वतंत्रता दिवस के बाद 16 अगस्त से दक्षिणी दिल्ली के बाजारों से लेकर दुकानों और रेहड़ी-पटरी आदि पर पॉलीथिन के इस्तेमाल करने पर कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी ने इन नियमों का पालन नहीं किया और पॉलीथिन का उपयोग किया तो उस पर पांच हजार रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इसके लिए एक विशेष टीम का गठन भी किया है। निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता के मुताबिक फिलहाल नागरिकों को पॉलीथिन के उपयोग न करने के लिए जागरूक किया जा रहा है और लोगों से पॉलीथीन इस्तेमाल नहीं करने की अपील की जा रही है। लेकिन निगम 16 अगस्त से अपील नहीं बल्कि कार्रवाई करेगा।
पशुओं और पर्यावरण के लिए खतरनाक
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि लोग पॉलीथिन का इस्तेमाल के बाद इसे सड़कों पर फेंक देते हैं जिससे यह बारिश के पानी या फिर हवा के तेज वेग से नालों आदि में चले जाते हैं जिससे जलभराव की समस्या पैदा होती है। साथ ही पॉलीथिन पशुओं और पर्यावरण के लिए खतरनाक है। गुप्ता ने कहा कि पशु कूड़े से खाने के साथ ही पॉलीथिन भी नगल जाते हैं जिससे उनकी जान तक चली जाती है। वहीं पर्यावरण के लिए भी पॉलीथिन घातक हैं, क्योंकि इनको नष्ट करना संभव नहीं है। उन्होंने अपील की कि कोई भी सामना खरीदने के लिए लोग अपने घरों से कपड़े या जूठ का थैला लेकर ही निकले। उन्होंने कहा कि सब्जी व फल लेते हुए उनको थैलें में डलवाए।
वहीं उन्होंने दुकानदारों से भी अपील की कि कागज आदि में ही सामान दें और ग्राहकों से कहें कि वह घर से ही थैला लेकर आए। उन्होंने कहा कि पहले भी कई बार लोगों से अपील की गई कि वे पॉलीथिन का उपयोग न करें लेकिन अब इस पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। बता दें कि लोग ज्यादातर छोटे-छोटे सामान आदि खरीदने के लिए भी पॉलीथिन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन इनका उपयोग स्वास्थ्य पर भी असर डालता है क्योंकि इसको जलाए जाने पर इससे उठने वाला धुआं घातक होता है।