Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 09:03 AM
कुछ माह पहले चंडीगढ़ के गवर्नमेंट मॉडल स्कूल बुडै़ल विलेज सैक्टर- 45 द्वारा स्वरमणि यूथ वैल्फेयर एसोसिएशन की मदद से बंजर जमीन पर मेहनत कर ईको क्लब तैयार करने को लेकर इंडियाज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया गया था। इसे प्रयास को अंतर्राष्ट्रीय...
चंडीगढ़(रश्मि) : कुछ माह पहले चंडीगढ़ के गवर्नमेंट मॉडल स्कूल बुडै़ल विलेज सैक्टर- 45 द्वारा स्वरमणि यूथ वैल्फेयर एसोसिएशन की मदद से बंजर जमीन पर मेहनत कर ईको क्लब तैयार करने को लेकर इंडियाज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया गया था। इसे प्रयास को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी वाहवाही मिली है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी 100 टीमें चुनी गई थीं जिन्होंने अनोखा रिकॉर्ड बनाया। इनमें से चंडीगढ़ के छात्रों द्वारा तैयार किया गया ईको क्लब भी शामिल था। चंडीगढ़ से इस प्रोजैक्ट के 4 वालंटियर्स को बुलाकर भी सम्मानित किया गया, जिसमें स्कूली छात्रों से लेकर कॉलेज के छात्र भी शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुई दुनियाभर की 100 टीमों में चंडीगढ़ का 80वां स्थान था। वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनियन द्वारा इसे लेकर चुनाव किया गया था।
कौन-कौन से अवार्ड से हुए सम्मानित
-इंडियाज बुक ऑफ रिकॉर्ड ।
-वेतनाम बुक ऑफ रिकॉर्ड।
-नेपाल बुक ऑफ रिकॉर्ड।
-एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड।
-इंडोनएशिया प्रोफैशनल स्पीकर एसोसिएशन।
-बंगलादेश बुक ऑफ रिकॉर्ड।
इन छात्रों को मिला पुरस्कार :
-पी.जी.जी.सी.-11 के बी.ए. तृतीय वर्ष के छात्र रोहित कुमार।
-गवर्नमैंट हाई स्कूल सैक्टर-32 के दसवीं कक्षा के छात्र सूरज।
-पी.जी.जी.सी.-11 के बी.ए. प्रथम वर्ष के छात्र मोहम्मद अमजद।
-पी.जी.जी.सी.-46 के बी.ए. तृतीय वर्ष के छात्र प्रदीप कुमार को
इसके लिए मिला सम्मान :
चंडीगढ़ के गवर्नमैंट मॉडल स्कूल बुडै़ल विलेज सैक्टर-45 द्वारा स्वरमणि यूथ वैल्फेयर एसोसिएशन की मदद से ईको क्लब तैयार किया गया था। इसमें बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया गया। इस काम में मई से ही स्वरमणि यूथ वैल्फेयर एसोसिएशन गवर्नमैंट मॉडल स्कूल बुडै़ल विलेज सैक्टर-45 के कुछ वालंटियर्स के साथ जुटी थी। प्रोजैक्ट को युवा हरित अभियान का नाम दिया गया था, जो स्वच्छ भारत अभियान व मेक इन इंडिया के तहत शुरू किया गया था। प्रोजैक्ट तैयार करने में करीब 1 माह लगा था।
इन वैस्ट मैटीरियल से तैयार किया था ईको क्लब :
-वोलेंटियर्स ने ब्याह-शादियों में जा जाकर इक्ठ्ठी की खाली प्लास्टिक की बोतलें। उसमें लगाए पौधे।
-पुरानी फटी जीन्स में मिट्टी भर उन्हें गमला बनाया।
-पुराने जूते और पुराने टायर्स को गमले बना उनमें उगाए पौधे।
-जगह-जगह से मलबा एकत्रित कर तैयार किया व्हाईट हाऊस।
-लकड़ी के इस्तेमाल से बनाया गमलों का स्टैंड।